107 साल की बुजुर्ग महिला का जोखिम भरा ऑपरेशन

अहमदाबाद में 107 वर्षीय बादामबाई व्यास का एंजियोप्लास्टी और ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट से सफलतापूर्वक इलाज किया गया है. अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला की एंजियोप्लास्टी करने का दावा किया है.

अहमदाबाद में 107 वर्षीय बादामबाई व्यास का एंजियोप्लास्टी और ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट से सफलतापूर्वक इलाज किया गया है. अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला की एंजियोप्लास्टी करने का दावा किया है.

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Deepak Pandey
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107 साल की बुजुर्ग महिला का जोखिम भरा ऑपरेशन( Photo Credit : News Nation)

अहमदाबाद में 107 वर्षीय बादामबाई व्यास का एंजियोप्लास्टी और ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट से सफलतापूर्वक इलाज किया गया है. अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला की एंजियोप्लास्टी करने का दावा किया है. मध्य प्रदेश की 107 वर्षीय महिला को दिल का दौरा पड़ने के बाद मध्य प्रदेश के मंदसौर से अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल लाया गया. इसके बाद 107 वर्षीय एक व्यक्ति की एंजियोग्राफी की गई, जिसमें हृदय की धमनियों में 99 प्रतिशत ब्लॉकेज था.

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1915 में पैदा हुई बुजुर्ग महिला ने एंजियोप्लास्टी और ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट के इलाज के 3 घंटे के भीतर चलना शुरू कर दिया. इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और सिम्स अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. केयूर पारिख ने कहा कि मरीज शुक्रवार को सिम्स अस्पताल आया था और मैंने शनिवार को उसकी रिपोर्ट देखी. ऐसे में 99 प्रतिशत ब्लॉकेज की स्थिति में मरीज का जीवित रहना मुश्किल हो जाता है, तो हमने परिवार को सभी जोखिमों के बारे में बताया. जिस तरह से एक परिवार ने 107 साल के शख्स को बचाने की कोशिश की वो कामयाब रहा है. बुजुर्गों को केवल एक स्टेंट की जरूरत है और अब वे अच्छे स्वास्थ्य में हैं.

मिली जानकारी के अनुसार, वृद्धा के पति का कई वर्ष पहले देहांत हो गया था, लेकिन परिवार चाहता था कि बुढ़िया जिंदा रहे. मरीज दिल का दौरा पड़ने के बाद एमपी से 8 घंटे 500 किमी की यात्रा कर सिम्स अस्पताल पहुंचा. पिछले हफ्ते सिम्स अस्पताल में हमने 800 ग्राम वजन के बच्चे की एंजियोप्लास्टी की और एक दिन के बच्चे की सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी की, लेकिन 107 साल की महिला पर किया गया यह एंजियोप्लास्टी एक विश्व रिकॉर्ड है.

बदामाबाई के पोते चंद्रशेखर व्यास ने कहा कि हम अपनी दादी को सीने में दर्द के कारण मध्य प्रदेश के मंदसौर अस्पताल ले गए. 3 दिन के इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई, लेकिन घर जाने के बाद उन्हें फिर से दहशत में अस्पताल ले जाया गया. आखिरकार हमने दादी को इलाज के लिए अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल ले जाने का फैसला किया. मेरे पिता की एंजियोग्राफी भी सिम्स अस्पताल में हुई थी इसलिए मैं यहां आश्वस्त था.

दो बेटों और तीन बेटियों की 107 वर्षीय मां बादामबाई का स्वास्थ्य ठीक है और बढ़ती उम्र के कारण उन्हें पेट की सामान्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. एंजियोग्राफी क​रने वाले डॉ. केयूर पारिख ने कहा कि उम्र काम करती रहती है, लेकिन मैं दादी को बता सकता हूं कि उन्हें दिल की कोई समस्या नहीं है. वह अभी 107 साल की हैं और अगर वह 110 साल पूरी करती हैं तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी.

Source : Purav Patel

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