logo-image

Heeraben Modi: संघर्षमयी मां की तीसरी संतान नरेंद्र मोदी, 100 की उम्र में भी थी बेटे का मजबूत सहारा

Heeraben Modi

Updated on: 30 Dec 2022, 07:55 AM

नई दिल्ली:

Heeraben Modi: देश के वर्तमान पीएम ने आज अपनी मां को खोया है. आज शुक्रवार सुबह ही पीएम मोदी की मां के निधन की खबर ने पूरे देश को गमगीन कर दिया. अपने 100 साल में प्रवेश कर चुकीं हीरा बा बेटे के लिए इस उम्र में भी एक मजबूत स्तंभ थीं. खास मौकों पर पीएम मोदी की अपनी बुजुर्ग मां के साथ खास तस्वीरें सुर्खियों में बनी रहती थीं. वहीं अब देश के प्रधानमंत्री के सर से मां का साया उठ चुका है. दरअसल हीरे बा की तबियत पिछले कुछ समय से ही खराब चल रही थी.

उम्र के आखिरी पड़ाव में वह बीते बुधवार को ही बेटे से मिली थीं. मां के निधन के दौरान पीएम मोदी दिल्ली में थे जबकि हीराबेन अहमदाबाद के अस्पताल में अंतिम सांसे ले रही थीं. हालांकि हीरा बेन की तबियत में सुधार का भी दावा किया जा रहा था लेकिन शुक्रवार सुबह 6 बजे के करीब ही नरेंद्र मोदी के ट्वीट से पूरे देश में शौक की लहर दौड़ गई. उन्होंने बताया कि उनकी मां का निधन हो चुका है. 

ये भी पढ़ेंः PM Modi की मां हीराबेन का निधन, अहमदाबाद के अस्पताल में ली अंतिम सांस

शानदार शताब्दी का ईश्वर के चरणों में विराम

मां के लिए पीएम मोदी ने लिखा, " शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम... मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है. 

पीएम मोदी अपनी जिंदगी के महत्वपूर्ण कामों को मां की सीख के साथ करते थे. एक समय में चाय बेच कर जीवनयापन करने वाले पीएम मोदी की मां का खुद का जीवन भी संघर्षों से भरा रहा था. उनका जन्म 18 जून 1923 को हुआ था. इसी साल हीराबेन ने कठिन जीवन के 99 साल पूरे किए थे और 100 वें साल में प्रवेश किया था. उनकी कुल 6 संतानें थीं. पीएम मोदी मां की तीसरी संतान हैं. 

पति की मौत के बाद बच्चों के पेट पालने के लिए झूठन साफ करती थी हीरा बा

पीएम मोदी मां के संघर्षों को बयां जब तब करते ही रहते थे. एक बार उन्होंने बताया था कि मां ने पिता के निधन के बाद बच्चों को पालने के लिए कठिन परिश्रम किया. हीराबेन बच्चों को पालने के लिए दूसरों के घर की झूठन तक साफ करती थीं. मां से पीएम मोदी का एक खास जुड़ाव रहा था. वे मां को एक आदर्श के रूप में देखते थे. यही वजह थी कि पीएम मोदी मां की सीख को जीवन में अपनाते थे.

मां के निधन के बाद वे लिखते हैं कि जब मां से 100 वें जन्मदिन पर मिले थे तब भी मां ने उन्हें अनमोल वचन कहे थे. वे लिखते हैं, मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि કામ કરો બુદ્ધિથી, જીવન જીવો શુદ્ધિથી यानि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से"