Gujarat cooperative Model: गुजरात का कोऑपरेटिव मॉडल महिला सशक्तिकरण का एक आदर्श मॉडल बन गया है. इसी के साथ महिला दुग्ध समितियों की आमदनी में भी भारी बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों के मुताबिक, बीते पांच सालों में महिला डेयरी समितियों में भी भारी बढ़त हुई है. इस योजना को आगे बढ़ाने में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुजरता के सीएम भूपेंद्र पटेल ने अहम भूमिका निभाई है.
गुजरात सरकार ने जारी किए आंकड़े
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर गुजरात सरकार ने राज्य में बढ़ती महिला भागीदारी के कई आंकड़े जारी किए हैं. जिसके अनुसार पिछले पांच सालों यानी 2020 से 2025 के बीच महिला नेतृत्व वाली डेयरी सहकारी समितियों में 21 प्रतिशत की उछाल आया है और ये 3,764 से बढ़कर 4,562 हो गई हैं. जबकि दुग्ध संघों में 25 प्रतिशत महिला बोर्ड सदस्य और लगभग 12 लाख उत्पादक महिला सदस्यों द्वारा किया जा रहा है
गुजरात के सहकारिता विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दुग्ध संघों में भी महिलाओं की नेतृत्व की भूमिका में इजाफा हुआ है. 2025 तक दुग्ध संघों के बोर्ड में 82 निदेशकों के रूप 25 प्रतिशत सदस्य महिलाएं हैं, जो दुग्ध संघों की नीति निर्धारण करनें में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को दिखाता है. इसके साथ ही गुजरात की डेयरी सहकारी समितियों में महिलाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. बता दें कि फिलहाल गुजरात में लगभग 36 लाख दुग्ध उत्पादक सदस्यों में से करीब 12 लाख महिलाएं हैं, यानी 32 फीसदी दुग्ध उत्पादक सदस्य महिलाएं हैं.
सहकारी समितियों में बढ़ी महिलाओं की संख्या
यही नहीं इस अवधि के दौरान ग्रामीण स्तर की सहकारी समितियों की प्रबंधन समितियों में भी महिलाओं की भागीदारी में इजाफा हुआ है. जो 14 प्रतिशत है. आंकड़ों के मुताबिक, इन प्रबंधन समितियों में महिलाओं की संख्या 70,200 से बढ़कर 80,000 हो गई है. ये सभी महिलाएं अब ग्रामीण स्तर की सहकारी समितियों में नीति निर्माण के साथ-साथ संचालन और निगरानी जैसी अहम जिम्मेदारियां भी निभा रही हैं.
इसके अलावा महिला संचालित दुग्ध समितियों का दुग्ध संग्रह 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 57 लाख LPD हो गया है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात में महिला संचालित दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा मिल्क प्रोक्योरमेन्ट 2020 में 41 लाख लीटर प्रति दिन से 39 प्रतिशत बढ़कर 2025 में 57 लाख लीटर प्रति दिन हो गया है. जो वर्तमान समय में राज्य के कुल मिल्क प्रोक्योरमेन्ट का करीब 26 फीसदी है.
महिला दुग्ध समितियों की कमाई में भी हुई बढ़तरी
यही नहीं गुजरात में महिला संचालित दुग्ध समितियों की कमाई में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. जो साल 2020 में इन समितियों का अनुमानित दैनिक राजस्व 17 करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 6,310 करोड़ रुपये प्रति वर्ष हो गया है. बीते पांच सालों में यह आंकड़ा बढ़कर 2025 में 25 करोड़ प्रतिदिन पहुंच गया है. यानी अब ये 9,000 करोड़ प्रति वर्ष पहुंच गया है. यानी इस अवधि के दौरान महिला संचालित समितियों के कारोबार में 2,700 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है जो 43 फीसदी है.