गुजरात: हजारों की तादात में हिन्दू धर्म का त्याग कर बौद्ध धर्म अपनाया, उठे ये सवाल

म्बेडकर जयंती के अवसर पर आज गुजरात की राजधानी गांधीनगर के रामकथा मैदान में हजारों  की तादात में दलित और आदिवासी समुदाय के लोगों ने हिन्दू धर्म का त्याग करके बौद्ध धर्म अपना लिया.

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Mohit Saxena
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adopted Buddhism

adopted Buddhism( Photo Credit : file photo)

अम्बेडकर जयंती के अवसर पर आज गुजरात की राजधानी गांधीनगर के रामकथा मैदान में हजारों  की तादात में दलित और आदिवासी समुदाय के लोगों ने हिन्दू धर्म का त्याग करके बौद्ध धर्म अपना लिया. इस मौके पर बौद्ध धर्म अपनाने वाले लोगो को 22 प्रतिज्ञाएँ भी दिलवाई गई. इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन स्वयं सैनिक दल (SSD) की और से किया गया था. इस संगठन की ओर से दावा किया गया था कि 50 हजार लोग बौद्ध धर्म को अपनाएंगे हालांकि आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई और संगठन की ओर से जो आंकड़ा दिया गया था उतने लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रहे.

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स्वयं सैनिक दल के शैलेश सोलंकी ने बताया की पूरे गुजरात से लोग आज गांधीनगर में आए है और खास करके हिंदू धर्म में जाति आधारित भेदभाव होता है और शेड्यूल कास्ट और शेड्यूल ट्राइब के लोगों के साथ अन्याय होता है और सरकारें भी उनके साथ न्याय नहीं करती है इसलिए इतनी बड़ी तादाद में लोग धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर हुए हैं

कार्यक्रम में हजारों की तादाद में लोग आए 

स्वयं सैनिक दल के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों की तादाद में लोग तो आए थे पर स्वयं सैनिक दल की ओर से जो दावा किया गया था कि 50 हजार लोग हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाएंगे पर यह दावा भी कहीं ना कहीं गलत साबित होता दिखा रहा है और जब न्यूज नेशन की टीम ने लोगों से बातचीत करने का प्रयास किया तो स्वयं सैनिक दल की ओर से मीडिया को लोगों के साथ बातचीत करने से रोका गया क्योंकि अधिकतर लोगों को यह मालूम नहीं था कि वो लोग यहां पर धर्मपरिवर्तन के लिए आए हैं और स्वयं सैनिक दल के लोगों को यह डर था कि लोग यह बात मीडिया के कैमरे के सामने ना बोल दे. इसीलिए लगातार मीडिया को लोगों के साथ बातचीत करने से रोका गया.

गुजरात में धर्म परिवर्तन के लिए प्रशासन से इजाजत लेनी पड़ती है

धर्म परिवर्तन के लिए हर एक राज्य में अलग-अलग कानून होते हैं और गुजरात में धर्म परिवर्तन के लिए प्रशासन से इजाजत लेनी पड़ती है और इसके लिए पूरी कागजी कार्यवाही भी होती है. स्वयं सैनिक दल की ओर से लगातार यह दावा तो किया गया कि 50000 से ज्यादा लोग धर्म परिवर्तन करेंगे हालांकि आखिर तक स्वयं सैनिक दल के लोग यह पुष्टि नहीं कर पाए थे कि उन्हें कलेक्टर से परमिशन मिली है या नहीं. ऐसे में लोगों को इकट्ठा करके बौद्ध धर्म की प्रतिज्ञा दिलवाने से यह धर्मपरिवर्तन को नियमों के तहत माना जाएगा या नहीं यह भी सबसे बड़ा सवाल है

Source : News Nation Bureau

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