गुजरात राज्यसभा चुनाव में मतदान संपन्न, अहमद पटेल को जीत का भरोसा

गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को मतदान संपन्न हो गया, जो तय समयसीमा से एक घंटे पहले ही पूरा हो गया।

गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को मतदान संपन्न हो गया, जो तय समयसीमा से एक घंटे पहले ही पूरा हो गया।

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sankalp thakur
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गुजरात राज्यसभा चुनाव में मतदान संपन्न, अहमद पटेल को जीत का भरोसा

गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को मतदान संपन्न हो गया, जो तय समयसीमा से एक घंटे पहले ही पूरा हो गया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का चुना जाना जहां पक्का है, वहीं तीसरी सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को एक-एक वोट के लिए संघर्ष करना पड़ा है।

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव पटेल पांचवीं बार राज्यसभा सदस्य चुने जाने के लिए चुनावी मैदान में हैं। 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में पिछले महीने कांग्रेस के छह सदस्यों के इस्तीफा देने के चलते इस समय 176 सदस्य ही हैं। गुजरात से तीन राज्यसभा सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं।

मतदान पूरा होने के बाद पटेल ने दुखी मन से कहा, 'मैं आशावादी हूं, मुझे पूरा विश्वास है।'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पटेल को इससे पहले चार बार राज्यसभा सदस्य चुने जाने में किसी तरह की अड़चन नहीं आई थी, लेकिन इस बार यह उनके राजनीतिक करियर की संभवत: सबसे कड़ी लड़ाई है।

बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत को तीसरी सीट के लिए उम्मीदवार बनाया है। राजपूत ने मतदान के बाद मीडिया के सामने विजयी मुद्रा प्रदर्शित की।

पटेल को 176 सदस्यीय सदन में अपनी सीट जीतने के लिए 45 प्राथमिक मतों की जरूरत है। लेकिन पटेल को सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब पार्टी से अलग हो चुके, लेकिन पटेल को अपने वोट का भरोसा दे चुके शंकर सिंह वाघेला ने पांच अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा के पक्ष में मतदान किया।

इतना ही नहीं वाघेला ने यह भी दावा किया कि पटेल ने भाजपा के तोड़फोड़ से बचाने के लिए बेंगलुरू भेज दिए गए 44 कांग्रेस विधायकों पर गलत विश्वास किया। वाघेला ने दावा किया, 'कांग्रेस जिन 44 विधायकों पर भरोसा कर रही है, उनमें से भी चार-पांच विधायक पार्टी के समर्थन में वोट नहीं देंगे।'

वाघेला ने वोट डालने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'मैंने कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं दिया, क्योंकि अहमद पटेल नहीं जीतने वाले, इसलिए वोट बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है। हमने कई बार गुजारिश की कि विधायकों की शिकायतें सुनी जाएं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी।'

वाघेला और उनके समर्थकों द्वारा क्रॉस वोटिंग किए जाने के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।' पटेल को वाघेला के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो और जनता दल (युनाइटेड) के एक विधायक का वोट मिलने का भी भरोसा था।

लेकिन राकांपा के विधायक कंधाल जडेजा ने भाजपा अध्यक्ष शाह के पैर छूए और भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। मतदान के बाद वह वाघेला के आवास पर आयोजित भोज में शामिल होने चले गए।

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राकांपा के एक अन्य विधायक जयंत पटेल बोस्की और जद (यू) विधायक छोटूभाई वसावा ने जरूर पटेल के पक्ष में मतदान किया। बेंगलुरू रेसॉर्ट में सुरक्षित रखे गए 44 कांग्रेस विधायकों ने मतदान केंद्र पहुंचकर कहा कि वे सभी आधिकारिक प्रत्याशी के समर्थन में हैं।

लेकिन भाजपा सूत्रों और वाघेला के करीबियों का कहना है कि पटेल की जीत आसान नहीं होगी। वाघेला के करीबी एक नेता ने कहा, 'सभी 44 कांग्रेस विधायकों ने पटेल को वोट नहीं किया। बस परिणाम आने का इंतजार कीजिए।'

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Source : IANS

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