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गुजरात दंगे का फाइल फोटो
2002 में गुजरात नरोदा पाटिया दंगा मामले में उम्र कैद की सज़ा पाने वाले बाबू बजरंगी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. बाबू बजरंगी को स्वास्थ्य आधार ज़मानत मिली है. कोर्ट में पेश की गई मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक कई बीमारियों से जूझ रहे बजरंगी की आंखें खराब हो चुकी हैं. बाईपास सर्जरी भी हुई है. नरोदा पाटिया दंगे में 97 लोग मारे गए थे. बता दें कि हाईकोर्ट ने मामले के दोषी बीजेपी नेता माया कोडनानी को बरी कर दिया था वहीं बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को दोषी करार देते हुए 21 साल की सजा दी थी. बता दें कि इससे पहले 2012 में एसआईटी की विशेष अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया था और तीनों आरोपियों समेत 29 को बरी कर दिया था.
2002 Gujarat riots case: Supreme Court today granted bail to one of the convicts in Naroda Patiya matter, Babu Bajrangi. He has been granted bail on health grounds pic.twitter.com/5hU9wzs5lf
— ANI (@ANI) March 7, 2019
क्या है नरोदा पाटिया दंगा मामला
नरोदा पाटिया नरसंहार देश के सबसे बड़ी घटनाओं में गिना जाता है. करीब 16 साल पहले 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में कुछ असमाजिक लोगों ने इस नरसंहार को अंजाम दिया था. इसमें 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी और 33 से ज्यादा लोगों को जख्मी कर दिया गया था.
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घटना उस समय हुई जब 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की बोगियां जला दी गईं. इसके अगले दिन ही नरोदा पाटिया नरसंहार की लपटें उठी और नरोदा पाटिया बुरी तरह से जल गया. ट्रेन जलाने की घटना में कई कार सेवक बुरी तरह से जल कर मर गए थे.
माया कोडनानी को मिला था 'संदेह का लाभ'
माया कोडनानी को बरी करने को लेकर हाई कोर्ट ने कहा था कि हिंसा के वक्त घटनास्थल पर माया कोडनानी मौजूद नहीं थीं. 'संदेह की लाभ' की वजह से उन्हें निर्दोष करार दे दिया गया. गुजरात हाई कोर्ट की जस्टिस हर्षा देवानी और जस्टिस ए एस सुपेहिया की डिविजन बेंच ने मामले पर फैसला सुनाया. बेंच ने कहा कि कोडनानी के खिलाफ दोष साबित साबित नहीं हो पाए हैं.
Source : News Nation Bureau