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गुजरात: मोरबी में केबल पुल के टूटने से 90 लोगों की मौत, 50 से अधिक लापता 

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और व्यक्तिगत रूप से बचाव और चिकित्सा सेवाओं की निगरानी के लिए मोरबी पहुंचे.

Updated on: 31 Oct 2022, 12:03 AM

highlights

  • पीएम ने मोरबी में दुर्घटना के संबंध में गुजरात के CM से बात की
  • घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की
  • एक हेल्पलाइन नंबर-02822-243300 जारी किया है

नई दिल्ली:

गुजरात के मोरबी जिले में मच्छु नदी पर रविवार शाम को केबल पुल के टूटने से 90 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शवों को नदी से निकालकर मोरबी के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है. वे व्यक्तिगत रूप से निगरानी के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने मरने वालों को 4 लाख रुपये और दुर्घटना में घायल लोगों को 50 हजार रुपये आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. 

पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे का संझान लिया है. मरने वालों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है. पीएम ने मोरबी में दुर्घटना के संबंध में गुजरात के सीएम और अन्य अधिकारियों से बात की. उन्होंने बचाव कार्यों के लिए टीमों को तत्काल जुटाने की मांग की. उन्होंने स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने को कहा है.

राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजकोट से एनडीआरएफ की एक टीम भेजी है, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के बचाव दल को मोरबी के लिए रवाना होने का निर्देश दिया है. बचाव अभियान पूरी रात चलने की संभावना है, क्योंकि स्थानीय लोगों को डर है कि मच्छु नदी में पानी के बहाव के कारण शव बह गए हैं.

स्थानीय अधिकारियों की आशंका है कि पुल नदी के ठीक बीच में गिरा है, जहां पानी का स्तर 15 से 20 फीट गहरा है और इससे मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. दमकल की कुल सात टीमों को बचाव सेवाओं में लगाया गया और गांधीनगर से राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की एक टीम और एनडीआरएफ की दो टीमें मौके पर जुटी हैं. स्थानीय अधिकारियों ने एक हेल्पलाइन नंबर-02822-243300 जारी किया है, जिस पर लोग अपने लापता रिश्तेदारों के बारे में जानने के लिए मदद ले सकते हैं. इस बीच, मोरबी नगर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.वी.जाला ने एक चौंकाने वाले बयान में कहा कि नागरिक निकाय से फिटनेस प्रमाणपत्र के बिना नवीनीकरण के बाद पुल को जनता के लिए खोल दिया गया था.