गुजरात सरकार की ‘पूर्ण चिकित्सा जांच सहायता योजना’ से श्रमिकों को मिलेगा वार्षिक लाभ

गुजरात श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित पूर्ण चिकित्सा जांच सहायता योजना का उद्देश्य संगठित क्षेत्र में कार्यरत 45 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष श्रमयोगियों और 35 वर्ष से अधिक आयु की महिला श्रमयोगियों का वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण कराना है.

गुजरात श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित पूर्ण चिकित्सा जांच सहायता योजना का उद्देश्य संगठित क्षेत्र में कार्यरत 45 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष श्रमयोगियों और 35 वर्ष से अधिक आयु की महिला श्रमयोगियों का वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण कराना है.

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Ravi Prashant
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Labour Welfare Board

गुजरात गर्वमेंट स्कीम Photograph: (Meta AI)

गुजरात सरकार के श्रम, कौशल विकास और रोजगार विभाग के अधीन गुजरात श्रम कल्याण बोर्ड ने संगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के लिए ‘पूर्ण चिकित्सा जांच सहायता योजना’ लागू की है. इस योजना का लक्ष्य प्रदेश के श्रमयोगियों को समय पर स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध कराना है, जिससे गंभीर बीमारियों की रोकथाम और समय पर उपचार संभव हो सके. योजना के तहत पुरुष श्रमयोगियों को 45 वर्ष से अधिक आयु और महिला श्रमयोगियों को 35 वर्ष से अधिक आयु होने पर यह लाभ दिया जाएगा.

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नियमित फंड जमा करने वाले श्रमिक ही होंगे पात्र

योजना का मुख्य पात्रता मानदंड यह है कि श्रमिक का लेबर वेलफेयर फंड उसकी संस्था द्वारा पिछले एक वर्ष से नियमित रूप से जमा किया गया हो. केवल ऐसे श्रमिकों को ही लाभ के लिए योग्य माना जाएगा. इसके साथ ही प्रत्येक श्रमिक को यह लाभ वर्ष में केवल एक बार ही दिया जाएगा. बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि चिकित्सा परीक्षण के दौरान या बाद में होने वाले किसी भी दुष्प्रभाव की जिम्मेदारी उसकी नहीं होगी.

1950 रुपये की जांच

योजना के तहत प्रति श्रमिक 1950 रुपये की पूर्ण चिकित्सा जांच निर्धारित है. इसमें से 25 प्रतिशत यानी 487.50 रुपये संबंधित कंपनी द्वारा वहन किए जाएंगे. यह आर्थिक मॉडल श्रमिक और कंपनी दोनों के लिए संतुलित सहयोग सुनिश्चित करता है. बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि योजना के तहत जमा की गई फीस वापस नहीं की जाएगी.

30 दिनों में चिकित्सा जांच कराना अनिवार्य

कंपनी को योजना के लाभ के लिए आवेदन करते समय श्रमयोगियों की सूची एक्सेल शीट के रूप में पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. आवेदन को स्वीकृति मिलने के बाद कंपनी और अस्पताल के पारस्परिक सहमति से 30 दिनों के भीतर जांच करवाना अनिवार्य है. अंतिम निर्णय का अधिकार कल्याण आयुक्त के पास होगा और इसका अधिकार क्षेत्र अहमदाबाद रहेगा.

ऑनलाइन प्रक्रिया को बनाया गया सरल और पारदर्शी

योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है. आवेदक को संमन पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है, जिसमें आधार कार्ड नंबर, यूजर टाइप और लेबर वेलफेयर फंड अकाउंट नंबर दर्ज करना आवश्यक है. विवरण सत्यापित होने के बाद आवेदक पासवर्ड बनाकर लॉगिन कर सकता है. लॉगिन करने के बाद वह संबंधित योजना चुनकर आवश्यक दस्तावेज अपलोड करता है और नियमों से सहमति जताते हुए आवेदन जमा करता है. आवेदन जमा होते ही पंजीकृत ईमेल पर पुष्टि संदेश भेज दिया जाता है.

जांच के लिए आवश्यक दस्तावेज

आवेदन के समय पासपोर्ट साइज फोटो, श्रमिक को ठेकेदार द्वारा जारी पहचान पत्र, आधार कार्ड, वेलफेयर फंड अकाउंट नंबर, बोनाफाइड प्रमाणपत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य है. ये दस्तावेज श्रमिक की पहचान और पात्रता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं.

गुजरात सरकार की यह पहल संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के स्वास्थ्य कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जो बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच बढ़ाने में सहायक होगी.

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