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गुजरात के गिर के जंगलों में शेरों में बीमारी फैल गई है.
पूरे एशिया में गिर के शेरों की दहाड़ सुनाई देती है, लेकिन इन दिनों ये शेर अपनी जिंदगी बचाने में लगे हैं. गिर के जंगलों के दलखनिया रेंज में पिछले 22 दिनों में 23 शेरों की मौत हो चुकी है जबकि 30 शेरों का इलाज चल रहा है. एक के बाद एक हो रही शेरों की मोत किसी वायरस की वजह से बताई जा रही है. इसलिए इन शेरों से लिए गए नमूने पुणे की एनआईवी में जांच के लिए भेजे गए हैं.
दिल्ली से आई डॉक्टरों की जांच टीम लगातार बाकी शेरों का इलाज कर रही है. इतना ही नहीं अमेरिका से मंगाई गई खास वैक्सीन भी इन शेरों को दी जा रही है. इसका बावजूद भी इलाज के दौरान मर रहे शेर चिंता का विषय बने हुए हैं.
Supreme Court expresses concern over the death of lions in Gir forest in Gujarat. Questioning the Centre & Gujarat government over the death of lions, the SC said it’s “extremely serious issue and the government must find out the reason of lions’ death, lions must be protected,”
— ANI (@ANI) October 3, 2018
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसे बेहद दुखद घटना बताते हुए कहा है कि सरकार शेरों की मौत को लेकर चिंतित है और एनआईवी की रिपोर्ट का इंतज़ार हो रहा है. हम शेरों के इलाज में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे.
सच्चाई यह है कि अभी तक शेरों की मौत की वजह का पता नहीं चला है. दलखनिया रेंज का एनिमल सेंटर भी शेरों से भरा पड़ा हुआ है. अब बाकी रेस्क्यू कर लाए गए शेरों को जूनागढ़ एनिमल सेंटर ले जाया जाएगा. इतना साफ है कि अगर इन शेरों की मौत का सिलसिला नहीं रुका तो एशियाटिक लायन के अस्तित्व पर भारी संकट आएगा और शेरों की संख्या भी ना के बराबर रह जाएगी.