गुजरात में देसी नस्ल संरक्षण योजना, कृत्रिम गर्भाधान से जन्मी बछियों पर मिलेगा 3,000 रुपये प्रोत्साहन

गुजरात सरकार ने गिर और कांकरेज जैसी देसी गायों की शुद्ध नस्ल बढ़ाने हेतु कृत्रिम गर्भाधान से जन्मी मादा बछियों के मालिकों को 3,000 रुपये का प्रोत्साहन देने की योजना शुरू की है. यह लाभ प्रति वर्ष प्रति लाभार्थी केवल एक बछी पर उपलब्ध होगा और आवेदन I-Khedut पोर्टल पर ऑनलाइन होगा.

गुजरात सरकार ने गिर और कांकरेज जैसी देसी गायों की शुद्ध नस्ल बढ़ाने हेतु कृत्रिम गर्भाधान से जन्मी मादा बछियों के मालिकों को 3,000 रुपये का प्रोत्साहन देने की योजना शुरू की है. यह लाभ प्रति वर्ष प्रति लाभार्थी केवल एक बछी पर उपलब्ध होगा और आवेदन I-Khedut पोर्टल पर ऑनलाइन होगा.

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Ravi Prashant
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देसी नस्ल संरक्षण योजना Photograph: (Grok AI)

गुजरात के कृषि, किसान कल्याण एवं सहकार विभाग ने राज्य में देसी गायों विशेषकर गिर और कांकरेज नस्ल की संख्या में आ रही कमी को रोकने और शुद्ध नस्ल प्रजनन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है. इस योजना का नाम है “कृत्रिम गर्भाधान से जन्मी मादा बछी के मालिकों को प्रोत्साहन सहायता योजना”, जिसके तहत पात्र पशुपालकों को 3,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

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क्या है योजना का उद्देश्य?

राज्य में गिर और कांकरेज नस्ल की गायें अपनी उच्च दुग्ध क्षमता और अनुकूलनशीलता के लिए प्रसिद्ध हैं. लेकिन तेजी से बदलते आर्थिक और कृषि ढांचे के कारण इन नस्लों की संख्या में कमी देखी जा रही है. सरकार का मानना है कि यदि कृत्रिम गर्भाधान (AI) द्वारा शुद्ध प्रजनन को प्रोत्साहन दिया जाए, तो इन देसी नस्लों की संख्या को स्थिर और सुरक्षित रखा जा सकता है.

अब जान लेते हैं कि योजना के लाभ क्या-क्या है. कृत्रिम गर्भाधान से शुद्ध नस्ल (गिर/कांकरेज) की गाय से जन्मी मादा बछी के मालिक को 3,000 रुपये की प्रोत्साहन सहायता मिलेगी. यह सहायता प्रति वर्ष केवल एक बछी पर उपलब्ध होगी. सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी.

कौन कर सकता है आवेदन? 

  • आवेदक गुजरात राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए.
  • बछी कृत्रिम गर्भाधान द्वारा शुद्ध नस्ल की देसी गाय से जन्मी होनी चाहिए.
  • बछी की आयु आवेदन की तिथि पर 11 महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए.
  • एक लाभार्थी को प्रति वर्ष अधिकतम एक बछी पर ही लाभ प्राप्त होगा.

अब ये जान लेते हैं कि आखिर इस योजना के लिए आवेदन किया जा सकता है? देखिय प्रोसेस काफी आसान है. तो चलिए जान लेते हैं.  आई-खेड़ुत पोर्टल पर आसान प्रक्रिया

  • Step-01: I-Khedut पोर्टल पर जाएं:
  • https://ikhedut.gujarat.gov.in/site/
  • Step-02: ‘एनिमल हसबेंड्री स्कीम्स’ सेक्शन में जाकर योजना चुनें और ‘Click here for details’ पर क्लिक करें.
  • Step-03: इच्छित योजना चुनें, निर्देश पढ़ें और ‘Apply’ पर क्लिक करें.
  • Step-04: ‘Yes/No’ विकल्प चुनकर आगे बढ़ें.
  • Step-05: ‘Click to Apply New’ बटन पर क्लिक कर नया आवेदन भरें.
  • Step-06: यदि सुधार करना हो तो ‘Update Application’ विकल्प चुनें.
  • Step-07: आवश्यक दस्तावेज ‘Upload Document’ विकल्प से अपलोड करें.
  • Step-08: आवेदन पूरा होने पर इसे 7 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से कन्फर्म करें.
  • Step-09: कन्फर्म किए गए आवेदन का प्रिंट निकालें.
  • Step-10: हस्ताक्षरित आवेदन और सभी आवश्यक दस्तावेजों को नज़दीकी पशु चिकित्सा अधिकारी (Veterinary Officer) के पास जमा करें.
  • Step-11: आवेदन कन्फर्म होने के बाद दस्तावेजों की स्कैन कॉपी भी पोर्टल पर अपलोड की जा सकती है.

क्या योजना का महत्व? 

विशेषज्ञों का मानना है कि देसी नस्लों के संरक्षण के लिए ऐसी योजनाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनके जीन पूल को मजबूत रखने से ही भविष्य में प्राकृतिक, जलवायु और कृषि-आधारित चुनौतियों का बेहतर सामना किया जा सकता है. यह प्रोत्साहन न केवल पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है, बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण प्रजनन अपनाने के लिए भी प्रेरित करता है.

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