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UP की तर्ज पर अब गुजरात में भी बने 'लव जिहाद' के खिलाफ कानूनः BJP MLA

मैं मुख्यमंत्री विजय रूपानी, उनके डिप्टी नितिन पटेल और राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा से मिलूंगा और लिखित में प्रस्ताव दूंगा. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून के तहत, धर्म परिवर्तन की इच्छा रखने वाली युवतियों के परिवार को अंतर-धर्म विवाह से तीन

Updated on: 01 Dec 2020, 05:36 PM

नई दिल्ली:

गुजरात में भाजपा के एक विधायक ने उत्तर प्रदेश में अवैध धार्मिक धर्मातरण यानी लव जिहाद के खिलाफ कानून की तर्ज पर राज्य में भी कानून लागू करने की मांग की है. दाभोई के विधायक शैलेश मेहता ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि वह जल्द ही गुजरात सरकार को 'लव जिहाद' के खिलाफ एक कड़े कानून को लाने का प्रस्ताव देंगे. उन्होंने कहा, 'लव जिहाद' के खिलाफ एक कड़ा कानून हर राज्य में लाया जाएगा, जहां भाजपा सत्ता में है. गुजरात हिंदुत्व में विश्वास करने वाला पहला राज्य है, इसलिए जाहिर तौर पर 'लव जिहाद' के खिलाफ एक कानून यहां भी लाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि गुजरात में 'लव जिहाद' की कई घटनाएं हो रही हैं. इसलिए हर हालत में गुजरात में एक सख्त कानून बनाया जाना चाहिए. बाद में, उन्होंने एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा, देश भर में ऐसी कई घटनाएं हो रही हैं. यूपी में योगी सरकार इस मुद्दे को लेकर एक कानून लाई है. इसी तरह, गुजरात में भी यूपी से भी ज्यादा सख्त कानून बनाया जाना चाहिए. मैं मुख्यमंत्री विजय रूपानी, उनके डिप्टी नितिन पटेल और राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा से मिलूंगा और लिखित में प्रस्ताव दूंगा. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून के तहत, धर्म परिवर्तन की इच्छा रखने वाली युवतियों के परिवार को अंतर-धर्म विवाह से तीन महीने पहले सूचित किया जाना चाहिए. भाजपा विधायक ने कहा, माता-पिता को अपनी बेटियों को समझाने के लिए समय मिलना चाहिए और अगर लड़कियों की उम्र कम है, तो दोषियों को फांसी देने का प्रावधान होना चाहिए.

उत्तर प्रदेश में बना लव जिहाद के खिलाफ बना कानून
उत्तर प्रदेश में भी 28 नवंबर को धर्म परिवर्तन अध्यादेश को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी थी. दरअसल, यूपी सरकार का अध्यादेश 2020 धोखा देकर, धमका कर, गलत तरीके से प्रभाव में लेकर, लालच देकर या मर्जी के खिलाफ किसी के धर्मांतरण कराने को अपराध घोषित करता है. इसके लिए अलग-अलग परिस्थितियों में 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. अगर धर्म परिवर्तन किसी नाबालिग का या अनुसूचित जाति-जनजाति के सदस्य का करवाया जाता है, तो 10 साल तक की सजा हो सकती है.

यूपी से पहले इन राज्यों में बने है कानून
यूपी पहला राज्य नहीं है जो इस तरह का कानून बना रहा है. इससे पहले 8 राज्यों में इस तरह के कानून हैं. ओडिशा, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और झारखंड. इन राज्यों में लागू कानून में धर्म परिवर्तन से पहले कलक्टर को सूचना देने, स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन से जुड़ा हलफनामा देने जैसे प्रावधान हैं. धोखा देकर या प्रलोभन या धमकी के जरिए कराए गए धर्म परिवर्तन को भी कानूनन अपराध मानकर दंड का प्रावधान किया गया है. ओडिशा और मध्य प्रदेश में तो 1967 में ही यह कानून बन गया था.