गुजरात में दिव्यांग निर्माण श्रमिकों के लिए ‘गो-ग्रीन थ्री व्हीलर्स स्कीम’, ई-रिक्शा खरीद पर सब्सिडी

इस योजना का संचालन गुजरात बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड द्वारा किया जा रहा है. दुर्घटना के बाद आय रुक जाने से आर्थिक संकट झेल रहे दिव्यांग श्रमिकों को ई-रिक्शा प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना इसका लक्ष्य है.

इस योजना का संचालन गुजरात बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड द्वारा किया जा रहा है. दुर्घटना के बाद आय रुक जाने से आर्थिक संकट झेल रहे दिव्यांग श्रमिकों को ई-रिक्शा प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना इसका लक्ष्य है.

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Ravi Prashant
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Go-Green Three Wheelers Scheme

ग्रो ग्रीन स्कीम Photograph: (Grok Ai)

गुजरात में निर्माण क्षेत्र से जुड़े दिव्यांग या कार्यस्थल दुर्घटना में अक्षम हो चुके श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से ‘गो-ग्रीन थ्री व्हीलर्स स्कीम’ शुरू की गई है. इस योजना का क्रियान्वयन गुजरात बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड (GBOCWWB), श्रम, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग द्वारा किया जा रहा है.

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बोर्ड के अनुसार, निर्माण कार्य के दौरान हुई दुर्घटनाओं से कई श्रमिक स्थायी रूप से अशक्त हो जाते हैं, जिससे उनकी आय का स्रोत समाप्त हो जाता है. ऐसे श्रमिकों को नई आजीविका उपलब्ध कराने के लिए बैटरी चालित तिपहिया वाहन (ई-रिक्शा) खरीद पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.

योजना का उद्देश्य और लाभ

इस योजना का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग निर्माण श्रमिकों को आय का वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें. लाभार्थियों को अधिकतम 50% एक्स-शोरूम कीमत या 48,000 रुपये तक की एकमुश्त सब्सिडी दी जाएगी, जो भी कम हो. इसके अतिरिक्त, नए तिपहिया वाहन के लिए पंजीकरण शुल्क एवं रोड टैक्स की प्रतिपूर्ति भी दी जाएगी. राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मोटर वाहन कर का वहन श्रमिक को स्वयं करना होगा. गौरतलब है कि यह सब्सिडी राज्य की इलेक्ट्रिक वाहन नीतियों के तहत मिलने वाली सहायता के अतिरिक्त होगी, जिससे लाभार्थी को कुल आर्थिक सहयोग और अधिक बढ़ जाता है.

क्या है पात्रता? 

इस योजना का लाभ केवल उन श्रमिकों को मिलेगा जो गुजरात बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड में पंजीकृत हैं. पंजीकृत श्रमिक जो निर्माण कार्य स्थल पर दुर्घटना के कारण दिव्यांग या अक्षम हो गए हों, वे पात्र हैं. लाभार्थी को अपने नाम से लिथियम-आयन बैटरी आधारित तिपहिया वाहन खरीदना आवश्यक है. साथ ही, श्रमिक के पास तिपहिया वाहन चलाने का वैध लाइसेंस होना चाहिए. यह सहायता एक लाभार्थी को केवल एक बार उपलब्ध होगी.

अप्लाई कैसे करना होता? 

योजना के तहत आवेदन पूरी तरह ऑफलाइन प्रक्रिया से किया जाएगा.

  • स्टेप 01: लाभार्थी को नजदीकी जिला कार्यालय, गुजरात बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड में जाना होगा.
  • स्टेप 02: निर्धारित आवेदन पत्र प्राप्त कर सभी आवश्यक विवरण भरने होंगे.
  • स्टेप 03: आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर आवेदन जिला कार्यालय के संबंधित अधिकारी को जमा करना होगा.

आवेदन का क्या है प्रोसेस?

आवेदन की प्रारंभिक मंजूरी जिला निरीक्षक द्वारा प्रदान की जाएगी. इसके बाद आवेदन राज्य परियोजना प्रबंधक (मुख्य कार्यालय) को भेजा जाएगा. यहां से सरकारी श्रम अधिकारी और सदस्य सचिव क्रमश आगे प्रोसेस को बढ़ाएंगे.

अगर आवेदन में सभी डिटेल्स सही पाए जाते हैं तो डीलर द्वारा जमा ऑनलाइन आवेदन की जांच के बाद खाते अधिकारी और माननीय सदस्य सचिव की अंतिम स्वीकृति पर राशि की प्रतिपूर्ति लाभार्थी को उपलब्ध करा दी जाएगी.

क्या-क्या लगेंगे डॉक्यूमेंट्स? 

  • आधार कार्ड
  • ई-निर्माण कार्ड (e-Nirman Card)
  • आरटीओ पंजीकरण की प्रति
  • वैध तिपहिया लाइसेंस
  • सिविल सर्जन द्वारा जारी दिव्यांगता/अक्षम्यता प्रमाणपत्र
  • अन्य आवश्यक दस्तावेज (स्थिति के अनुसार)

गो-ग्रीन थ्री व्हीलर्स स्कीम न केवल पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देती है, बल्कि दिव्यांग निर्माण श्रमिकों को सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है. गुजरात सरकार के इस प्रयास से सैकड़ों श्रमिक अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हो सकेंगे.

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