गुजरात: कस्टोडियल डेथ मामले में पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को उम्रकैद

कस्टोडियल डेथ मामले में गुजरात के जामनगर कोर्ट ने बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट (Sanjeev Bhatt) और उनके सहयोगी को दोषी करार दिया है.

कस्टोडियल डेथ मामले में गुजरात के जामनगर कोर्ट ने बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट (Sanjeev Bhatt) और उनके सहयोगी को दोषी करार दिया है.

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Deepak Pandey
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गुजरात: कस्टोडियल डेथ मामले में पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को उम्रकैद

पूर्व IPS संजीव भट्ट (फाइल फोटो)

कस्टोडियल डेथ मामले में गुजरात के जामनगर कोर्ट ने बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट (Sanjeev Bhatt) और उनके सहयोगी को दोषी करार दिया है. अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है. पिछले दिनों संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट से गवाहों की नए सिरे से जांच की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भट्ट की याचिका पर विचार करने से मना कर दिया था.

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बता दें कि 1990 में जामनगर में भारत बंद के दौरान हिंसा हुई थी. संजीव भट्ट उस वक्त जामनगर के एएसपी थे. इस दौरान 133 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिनमें 25 लोग घायल हुए थे और आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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न्यायिक हिरासत में रहने के बाद एक आरोपी प्रभुदास माधवजी वैश्नानी की मौत हो गई थी. इस पर संजीव भट्ट और उनके सहयोगियों पर पुलिस हिरासत में आरोपियों के साथ मारपीट का आरोप लगा था. इस मामले में पुलिस ने संजीव भट्ट व अन्य पुलिसवालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की, लेकिन गुजरात सरकार ने मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी. 2011 में राज्य सरकार ने भट्ट के खिलाफ ट्रायल की अनुमति दे दी.

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पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने संजीव भट्ट की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. भट्ट ने याचिका में अपने खिलाफ हिरासत में हुई मौत के मामले में गवाहों की नए सिरे से जांच की मांग की थी. संजीव भट्ट गुजरात के बर्खास्त आईपीएस अफसर हैं. भट्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

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गुजरात हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ मुकदमे के दौरान कुछ अतिरिक्त गवाहों को गवाही के लिए समन देने के उनके अनुरोध से इनकार कर दिया था. गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि निचली अदालत ने 30 साल पुराने हिरासत में हुई मौत के मामले में पहले ही फैसले को 20 जून के लिए सुरक्षित रखा है.

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जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने गुजरात सरकार व अभियोजन पक्ष की दलील को माना कि सभी गवाहों को पेश किया गया था, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है. अब दोबारा मुकदमे पर सुनवाई करना और कुछ नहीं है, बल्कि देर करने की रणनीति है. भट्ट को बिना किसी मंजूरी के गैरहाजिर रहने व आवंटित सरकारी वाहन के दुरुपयोग को लेकर 2011 में निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद 2015 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.

Former IPS Sanjeev Bhatt gets life imprisonment in custodial death case in Gujarat
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