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Cyclone Biparjoy: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के खतरे के बीच द्वारकाधीश मंदिर में फहराए गए दो ध्वज, ये है बड़ी वजह

Cyclone Biparjoy Latest Updates: गुजरात पर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा मंडरा रहा है. इस बीच द्वारकाधीश मंदिर पर एक साथ दो ध्वज फहराए गए हैं.

Updated on: 13 Jun 2023, 01:16 PM

highlights

  • तेजी से बढ़ रहा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा
  • द्वारका से महज 280 किमी की दूरी पर है तूफान
  • द्वारकाधीश मंदिर में फहराए गए दो ध्वज

नई दिल्ली:

Cyclone Biparjoy Latest Updates: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय विकराल रूप लेता जा रहा है. यही वजह है कि देश के 6 राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. खास तौर पर गुजरात इस तूफान की जद में सबसे ज्यादा बताया जा रहा है. हालांकि महाराष्ट्र और गोवा के तटीय इलाकों में भी बड़ी खतरा मंडरा रहा है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस तूफान की हर हलचल पर नजर बनाए हुए हैं. इसको लेकर उन्होंने एक हाई लेवल मीटिंग भी की थी, इस बैठक में उचित व्यवस्था और प्रबंधन को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए थे. इस बीच गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर (Dwarkadhish Temple) से बड़ी खबर सामने आई है. 

द्वारकाधीश मंदिर में लहराए गए दो ध्वज
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के खतरे के बीच द्वारकाधीश मंदिर में एक साथ दो ध्वज फहराए गए हैं. लोग इसे किसी अनहोनि से बचाव के तौर पर देख रहे हैं. लोगों की आस्था है कि द्वारकाधीश भगवान इस खतरे से लोगों की रक्षा करेंगे. हालांकि मंदिर में दो ध्वज फहराए जाने को लेकर पुजारी ने जो वजह बताई है उसके मुताबिक, मंदिर के शिखर पर दो ध्वज इसलिए फहराए गए हैं क्योंकि ध्वज स्तंभ पर ध्वजारोहण नहीं हो पा रहा है. इसका कारण तूफान ही है. ऐसे में पुरानी ध्वजाजी को  नीचे जबकि नई ध्वजा जी को ऊपर की ओर फहराया गया है. 

पुरोहित की मानें तो ये पहली बार नहीं हो रहा है. ऐसा पहले भी हो चुका है जब कि इस तरह की कोई दिक्कत आती है तो मंदिर में दो ध्वज फहराए जाते हैं. 

इस वजह से शिखर पर नहीं हो पा रहा ध्वजारोहण
दरअसल तूफान बिपरजॉय के खतरे के चलते मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण नहीं किया जा रहा है. पुरोहितों की मानें तो मंदिर के सबसे ऊंची चोटी पर नया झंडा फहराना खतरे से खाली नहीं है. तेज हवाएं मुश्किल बढ़ा सकती हैं. 

बता दें कि द्वारकाधीश मंदिर में शिखर चोटी 50 मीटर ऊंची है. यहां पर 52 गज का ध्वज 24 गंटे फहराता रहता है. एक दिन में यहां पर दो बार ध्वज बदले जाते हैं. इतना नहीं किसी को मंदिर में ध्वज फहराना होतो उन्हें 12 महीने से ज्यादा वक्त भी लग सकता है क्योंकि यहां पर ध्वज फहराने वाले भक्तों की तादात बहुत ज्यादा है. कभी-कभी तो वेटिंग टाइम 2 साल भी हो जाता है. भक्तों की आस्था है कि ये ध्वज पूरे शहर की रक्षा करता है. 

द्वारका से इतनी दूर है चक्रवाती तूफान
मिली जानकारी के मुताबिक द्वारका से चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की दूरी महज 280 किलोमीटर बची है. यानी आने वाले 24 घंटे के आस-पास ये तूफान द्वारका को टक्कर दे सकता है. हालांकि आईएमडी 15 जून को इसका लैंडफॉल बताया है.