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वडोदरा में ATS का छापा, जब्त की गई 225 किलो MD

गुजरात एटीएस के मुताबिक 2 दिन पहले सूरत क्राइम ब्रांच को इस मामले में सूचना मिली थी. दिनेश जामनगर और महेश धोराजी नाम के दो शख्स वड़ोदरा और आनद के बीच ड्रग्स की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं और साथ-साथ यह भी पता चला कि इन दोनों ने ड्रग्स के इस नशे के कारोबार

Updated on: 17 Aug 2022, 04:43 PM

highlights

  • वडोदरा जिले के सावली तहसील के एक गांव की कैमिकल फैक्टरी में बनाई जा रही थी नशे की खेप
  • जब्त की गई 225 किलो MD की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में 1000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा
  • मुखबिर की सूचना के बाद ATS ने वडोदरा की सावली तहसील के पास बनी फैक्टरी पर छापा मारा

नई दिल्ली :

गुजरात एटीएस के मुताबिक 2 दिन पहले सूरत क्राइम ब्रांच को इस मामले में सूचना मिली थी. दिनेश जामनगर और महेश धोराजी नाम के दो शख्स वड़ोदरा और आनद के बीच ड्रग्स की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं और साथ-साथ यह भी पता चला कि इन दोनों ने ड्रग्स के इस नशे के कारोबार के लिए बकायदा फैक्ट्री भी रखी हुई है. इस जानकारी के आधार पर सबसे पहले महेश धोराजी को सूरत से गिरफ्तार किया गया और उसकी निशानदेही पर बड़ोदरा के पीयूष पटेल को गिरफ्तार किया गया , दोनों की पूछताछ में बड़ोदरा के सावली इलाके में एक फैक्ट्री का खुलासा हुआ. पुलिस दोनों को लेकर जब फैक्ट्री पहुंची तो वहां एमडी ड्रग्स की एक बड़ी खेप पुलिस के हाथ लगी. कहने को तो सावली की इस कंपनी में कंस्ट्रक्शन काम और मशीनों का इंस्टॉलेशन चल रहा था. लेकिन नशे का कारोबार करने वाले इन दोनों आरोपियों ने इसे ड्रग्स का गोडाउन बना रखा था ,गुजरात एटीएस ने यहां से 225 किलो एमडी ड्रग्स बरामद की है.

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इस छापेमारी के बाद जब महेश की पूछताछ की गई तो दिनेश और सोमनाथ के राकेश माकिया का नाम सामने आया , राकेश के बारे में जब छानबीन की गई तो पता चला की राकेश केमिकल इंजीनियर है और इसने भरूच और अंकलेश्वर की कई केमिकल कंपनियों में नौकरी भी की थी, इन चारों की एक मीटिंग में एमडी ड्रग्स बनाने का खाका तैयार हुआ राकेश ने एमडी ड्रग्स बनाने का पूरा फार्मूला और प्लान बाकियों को बताया जिसके बाद महेश ने ड्रग्स के लिए जरूरी तमाम रॉ मैटेरियल मार्केट से उठाया और राकेश को दिया जिसके बाद राकेश ने अपने पार्टनर विजय के साथ मिलकर फैक्ट्री में ड्रग्स बनाने का प्रोसेस पुरा किया, ड्रग्स बनने के बाद में इस ड्रग्स को महाराष्ट्र में बेचने का जिम्मा दिनेश, बाबा और बाबा इब्राहिम को सौंपा गया वहीं एक अन्य शख्स को राजस्थान का जिम्मा सौंपा गया.

तफ्तीश में यह बात भी सामने आई है कि जिस फैक्ट्री में ड्रग्स बनाई जा रही थी वह फैक्ट्री 1 साल पहले ही सितंबर 2021 में कार्यरत हुई हैं. और इस पकड़े गए ड्रग्स के जत्थे के पहले भी जनवरी फरवरी मे एक बार इस फैक्ट्री में ड्रग्स बनाकर उसे मार्केट में बेचा जा चुका है. ड्रग्स इस काले कारोबार में गिरफ्तार महेश धोराजी इससे पहले भी कस्टम के एक केस में 7 साल की जेल काट चुका है वही 12 साल पहले दिनेश डीआरआई के एक केस में ड्रग्स के एक बहुत बड़ी खेप के साथ पकड़ा गया था.