गुजरात के अहमदाबाद में दिल्ली के बुराड़ी जैसा एक ही परिवार के 3 सदस्यों की सामूहिक मौत मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि आत्महत्या करने वाले त्रिवेदी परिवार बीते 2 सालों से अहमदाबाद के नरोदा इलाके के अवनी स्काई सोसायटी के फ्लैट में किराए पर रहा रहा था। आसपास के लोगों के मुताबिक कुणाल त्रिवेदी के परिवार का आस-पास के लोगों और पड़ोसियों के अच्छे संबंध नहीं थे और उनकी बातचीत भी बस हाई-हेलो तक ही सीमित थी।
परिवार सहित आत्महत्या करने वाले कुणाल त्रिवेदी के चचेरे भाई ने किसी काले जादू और तंत्र-मंत्र से इनकार करेत हुए कहा कि अंध श्रद्धा के लिए ऐसा उन्होंने किया हो उन्हें इस पर विश्वास नहीं हो रहा है।
बहरहाल त्रिवेदी परिवार के सगे-संबंधियों के साथ ही पुलिस भी कुणाल त्रिवेदी की मांग के होश में आने का इंतजार कर रही है ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके कि आखिरकार हुआ क्या था।
गौरतलब है कि परिवार के मुखिया 45 साल के कुणाल के शव को फांसी से झूलता हुआ पाया गया था जबकि उसकी पत्नी कविता और 16 वर्षीय बेटी श्रीन की लाश घर में पड़ी मिली। पुलिस के मुताबिक कविता और उनकी बेटी श्रीन ने ज़हरीली दवा पीकर आत्महत्या की है जबकि घर की बुजुर्ग महिला यानी कुणाल की मां बेहोश हालत में पाई गई थी। उसने भी ज़हरीली दवा पी थी, हालांकि उन पर इस दवा का असर ज्यादा नहीं हुआ जिसकी वजह से उनकी जान बच गई। फ़िलहाल उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
24 घंटे से घर में बंद था पूरा परिवार
वहीं पड़ोसियों के मुताबिक पिछले 24 घंटे से उनका घर बंद था और रिश्तेदार के फोन के भी परिवार की तरफ से जवाब नहीं दिया जा रहा था। फोन पर कोई जवाब नहीं मिलने के बाद उनके रिश्तेदार और अन्य परिवार वाले पुलिस को लेकर वहां पहुंचे जहां कमरे में अंदर दाखिल होते ही सबके होश उड़ गए। घर के अंदर परिवार के मुखिया कुणाल फांसी से लटका हुआ मिला जबकि उसकी पत्नी फर्श पर और बेटी बिस्तर पर मृत पड़ी थी।
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सुसाइड नोट में तंत्र मंत्र और काला जादू का जिक्र
पुलिस ने घटना स्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है जिसमें लिखा है 'मम्मी आप मुझे कभी भी समझ नहीं पायी, मैंने कई बार इस काली शक्ति के बारे में बताया था लेकिन आपने कभी उसे माना नहीं और शराब को उसका कारण बताया।'
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सुसाइड नोट में ये भी लिखा कि वे कभी भी आत्महत्या नहीं कर सकते हैं, लेकिन काली शक्तियों की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं। जिग्नेशभाई ये आप की जवाबदेही है। शेर अलविदा कह रहा है। सभी ने ये स्थितियां देखी हैं। कुणाल की ये स्थितियां देखी हैं लेकिन कोई कुछ नहीं कर सकता था क्योंकि जितना मां कविता कर पाती थी, वो करती थी. उसका विश्वास था कि कुल देवी आएगी और उसे बचाकर निकाल लेगी पर ये काली शक्तियां इतनी आसानी से पीछा नहीं छोड़ती हैं।
Source : News Nation Bureau