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ब्रिटेन के वीजा का मामला जल्द सुलझाया जाएगा: गोवा मुख्यमंत्री

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूनाइटेड किंगडम वीजा के मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया है. सावंत ने संवाददाताओं से कहा- मैंने गृह मंत्री अमित शाह के साथ यूके वीजा मुद्दे पर चर्चा की है. इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. विदेश मंत्रालय से संबंधित कुछ मुद्दे थे, इसलिए इसमें देरी हो रही थी. लेकिन उन्होंने इसे जल्द से जल्द हल करने का आश्वासन दिया है. राज्य से जुड़े कई अन्य मुद्दों पर भी हुई चर्चा.

Updated on: 13 Oct 2022, 06:21 PM

पणजी:

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूनाइटेड किंगडम वीजा के मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया है. सावंत ने संवाददाताओं से कहा- मैंने गृह मंत्री अमित शाह के साथ यूके वीजा मुद्दे पर चर्चा की है. इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. विदेश मंत्रालय से संबंधित कुछ मुद्दे थे, इसलिए इसमें देरी हो रही थी. लेकिन उन्होंने इसे जल्द से जल्द हल करने का आश्वासन दिया है. राज्य से जुड़े कई अन्य मुद्दों पर भी हुई चर्चा.

सावंत ने बुधवार को दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी. कोविड और अन्य मुद्दों के कारण विदेशी पर्यटकों की कम संख्या के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए, गोवा के ट्रैवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन (टीटीएजी) ने भी मुख्यमंत्री सावंत से केंद्र सरकार को ई-वीजा जारी करने के लिए यूके को शामिल करने के लिए मनाने का आग्रह किया था.

गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष और विधायक विजय सरदेसाई ने मंगलवार को दावा किया था कि अगर यूनाइटेड किंगडम के पर्यटक वीजा प्राप्त करने में बाधा होती है तो तटीय राज्य को 500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. सरदेसाई ने कहा, मैं पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से अपील करना चाहता हूं कि वीजा प्रतिबंध हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इस मुद्दे को उठाएं. हम एक साथ आ सकते हैं और इस मुद्दे पर पीएम से मिल सकते हैं.

सरदेसाई ने कहा कि विदेश मंत्रालय द्वारा नए वीजा प्रतिबंध के कारण गोवा को छोटे और मध्यम होटलों में प्रति दिन 7 से 8 बुकिंग रद्द करने का सामना करना पड़ रहा है. सरदेसाई ने कहा था- यह महत्वपूर्ण है क्योंकि गोवा में सालाना कम से कम 40,000 से 50,000 पर्यटक यूके से आते हैं. कोरोना महामारी से पहले अवधि के आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक पर्यटक लगभग 98,000 रुपये खर्च करता है, जिसका अर्थ है कि इस क्षेत्र से लगभग 500 करोड़ रुपये का कारोबार होता है.