गोवा में अचानक बदले घटनाक्रम के तहत रविवार शाम राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया।
साथ ही राज्यपाल ने पर्रिकर को शपथ ग्रहण के 15 दिनों के भीतर विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। खबरों के मुताबिक पर्रिकर मंगलवार शाम पांच बजे मुख्यमंत्री पथ की शपथ लेंगे। पिछले हफ्ते शनिवार को आए चुनाव के नतीजों में बीजेपी को गोवा में 13 सीटें मिली थीं। जबकि कांग्रेस ने 17 सीटें हासिल की।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में रविवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की और राज्य में नई सरकार बनाने का दावा पेश दिया।
जहां एक तरफ पर्रिकर ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की, वहीं दूसरी तरफ नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों और महासचिव दिग्विजय सिंह सहित वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं के साथ पार्टी विधायक दल का नेता तय करने के लिए एक होटल में घंटों चर्चा की।
पर्रिकर के समर्थन में 21 विधायक
पर्रिकर के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात के समय भाजपा के 13 विधायकों के साथ गोवा फारवर्ड पार्टी (तीन) और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (तीन) और निर्दलीय (तीन) विधायक भी थे, जिनकी कुल संख्या 21 होती है।
भाजपा ने बेनौलिम से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक चर्चिल अलेमाओ के समर्थन का भी दावा किया और कहा कि उनके समर्थन का पत्र भी जल्द ही राज्यपाल को भेज दिया जाएगा।
भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों ने रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया और पर्रिकर को मुख्यमंत्री पद पर वापस लाने की मांग की। बैठक में पर्रिकर, गडकरी और कार्यवाहक मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर भी उपस्थित थे।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा गोवा में एक स्थिर सरकार बनाएगी। गडकरी ने कहा, 'हम मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में एक स्थिर सरकार बनाएंगे। हमारे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समर्थन के लिए पार्टियों को बधाई दी है।'
उन्होंने यह भी कहा कि अन्य विधायकों के साथ रविवार तड़के एक बजे से ही चर्चा जारी है और अधिकांश मुद्दे और मतभेद सुलझा लिए गए हैं। गडकरी ने कहा, 'हम लंबे समय के लिए मुद्दे स्पष्ट कर लेना चाहते हैं। सभी साथ मिलकर काम करेंगे।'
कांग्रेस की मुश्किल
इस बीच कांग्रेस अपना विधायक दल का नेता तय नहीं कर पाई है। जबकि रविवार शाम तक वह सरकार गठन का दावा पेश करने वाली थी। पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष लुइजिन्हों फलेरो के नाम का उनके सहयोगियों ने विरोध किया है, खास तौर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे और दिगंबर कामत ने।
कांग्रेस ने शाम छह बजे राज्यपाल से मुलाकात का समय लिया था। लेकिन विधायक दल का नेता ही नहीं चुना जा सका। भाजपा सरकार गठन का दावा सोमवार को पेश करने वाली थी, लेकिन उसने रविवार देर शाम तक ही 21 विधायकों का समर्थन जुटा कर राज्यपाल से मुलाकात कर ली।
(IANS इनपुट के साथ)
HIGHLIGHTS
- विधान सभा चुनाव में बीजेपी को मिली 13 सीटें जबकि कांग्रेस 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी
- गोवा फारवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और निर्दलीय विधायकों ने दिया पर्रिकर को समर्थन