Goa: मीठे पानी में मछली पकड़ने को बढ़ावा देना चाहती है सरकार: मंत्री

उन्होंने कहा, लोगों को तकनीकी तरीके से केज कल्चर के माध्यम से मीठे पानी में मछली पकड़ने के लिए आगे आना चाहिए. मछली उत्पादन बढ़ाने और राज्य में मछली की मांग को पूरा करने के लिए हम मीठे पानी में मछली पकड़ने को बढ़ावा देना चाहते हैं. फिंगरलिंग का संग्रहण जलाशय मत्स्य विकास का मुख्य आधार है, जो स्थायी आधार पर मछली उत्पादन की सुविधा प्रदान करेगा. ऑटो स्टॉकिंग संभव नहीं है और जल निकाय की उत्पादक क्षमता का उपयोग करने के लिए नियमित स्टॉकिंग कार्यक्रम की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, लोगों को तकनीकी तरीके से केज कल्चर के माध्यम से मीठे पानी में मछली पकड़ने के लिए आगे आना चाहिए. मछली उत्पादन बढ़ाने और राज्य में मछली की मांग को पूरा करने के लिए हम मीठे पानी में मछली पकड़ने को बढ़ावा देना चाहते हैं. फिंगरलिंग का संग्रहण जलाशय मत्स्य विकास का मुख्य आधार है, जो स्थायी आधार पर मछली उत्पादन की सुविधा प्रदान करेगा. ऑटो स्टॉकिंग संभव नहीं है और जल निकाय की उत्पादक क्षमता का उपयोग करने के लिए नियमित स्टॉकिंग कार्यक्रम की आवश्यकता है.

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : Twitter )

मत्स्य पालन मंत्री नीलकंठ हलनकर ने बुधवार को कहा कि मछली उत्पादन बढ़ाने और राज्य में मछली की मांग को पूरा करने के लिए सरकार की मंशा मीठे पानी में मछली पकड़ने को बढ़ावा देने की है. हलनकर उत्तरी गोवा में स्थित दो जलाशयों में मछलियों की फिंगरलिंग्स को छोड़ने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे.

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उन्होंने कहा, लोगों को तकनीकी तरीके से केज कल्चर के माध्यम से मीठे पानी में मछली पकड़ने के लिए आगे आना चाहिए. मछली उत्पादन बढ़ाने और राज्य में मछली की मांग को पूरा करने के लिए हम मीठे पानी में मछली पकड़ने को बढ़ावा देना चाहते हैं. फिंगरलिंग का संग्रहण जलाशय मत्स्य विकास का मुख्य आधार है, जो स्थायी आधार पर मछली उत्पादन की सुविधा प्रदान करेगा. ऑटो स्टॉकिंग संभव नहीं है और जल निकाय की उत्पादक क्षमता का उपयोग करने के लिए नियमित स्टॉकिंग कार्यक्रम की आवश्यकता है.

वह फार्म में सजावटी मछली उत्पादकता से भी परिचित हुए और अधिक से अधिक प्रकार की सजावटी मछली रखने और बेचने का निर्देश दिया. सूत्रों के अनुसार मत्स्य विभाग हर साल जलाशयों में मछलियों का स्टॉक करता है. राज्य अपने सी-फूड के लिए जाना जाता है, जो हर साल गोवा आने वाले आठ मिलियन से अधिक पर्यटकों द्वारा मांगा जाता है.

पर्यटन-उन्मुख राज्य में निर्यात के लिए मछली की अत्यधिक खपत और आतिथ्य उद्योग को पूरा करने के साथ-साथ समुद्र के तापमान में वृद्धि के कारण गोवा के पानी में मछली का अकाल पड़ा है, जिससे स्थानीय रूप से उपभोग की जाने वाली मछली की कीमतें आसमान छू रही हैं.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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