Goa News: गोवा की साइबर क्राइम पुलिस ने आंध्र प्रदेश के एक ज्वैलर को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उसने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का पुलिस इंस्पेक्टर बताकर पीड़ित से 1 करोड़ रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. सियोलिम के मरना निवासी पीड़ित ने 26 से 28 दिसंबर के बीच ठगी की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई. उसने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि उससे एक व्हाट्सएप यूजर ने संपर्क किया, जिसने खुद को दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर बताया और दावा किया कि उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है.
ऐसे बनाया ठगी का शिकार
युवक ने बताया कि उसे फर्जीवाड़ा करने वाले ने फर्जी दस्तावेज भेजे, जिसमें कथित तौर पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पत्र भी शामिल थे, जिससे पीड़ित को घोटाले की वैधता का और अधिक विश्वास हो गया. आरोपी ने पीड़ित पर कई ट्रांजेक्शन में 1 करोड़ रुपए अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करने का दबाव बनाया, ताकि जांच पूरी होने तक पैसे सुरक्षित रखे जा सकें. साइबर क्राइम पुलिस ने तुरंत ट्रांजेक्शन का पता लगाया और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के एसएन पुरम के 53 वर्षीय ज्वैलर यारामला वेंकटेश्वरलू से जुड़े बैंक खाते में ट्रांजेक्शन का पता लगाया. वेंकटेश्वरलू को घोटाले में 40 लाख रुपये मिले.
पुलिस ने जारी की सार्वजनिक सलाह
तलाशी अभियान और तकनीकी निगरानी के बाद, आरोपी को विजयवाड़ा में गिरफ्तार कर लिया गया. अधिकारियों ने बैंक खाते में विवादित राशि को फ्रीज कर दिया और अपनी जांच जारी रखी. कथित तौर पर रसायन विज्ञान में एमएससी करने वाले आरोपी ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए धोखाधड़ी की और फर्जी कानूनी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके पीड़ित को ठगा. साइबर क्राइम पुलिस ने एक सार्वजनिक सलाह जारी की है, जिसमें पुलिस या प्रवर्तन एजेंसियों से होने का दावा करने वाले व्यक्तियों द्वारा धोखाधड़ी वाले कॉल के बारे में सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है.