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गोवा की अदालत ने तेजपाल दुष्कर्म मामले का फैसला 21 मई तक टला

उत्तरी गोवा में मापुसा चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है और यहां पिछले तीन दिनों से बिजली और इंटरनेट कनेक्टिविटी ठप पड़ी हुई है.

Updated on: 19 May 2021, 03:53 PM

highlights

  • तेजपाल के खिलाफ दायर दुष्कर्म मामले में अपना फैसला 21 मई तक के लिए टला
  • पहले फैसला 27 अप्रैल को सुनाया जाना था, मगर इसे टाल दिया गया
  • पिछली बार राज्य में मुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई थी

पणजी:

मापुसा शहर की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने बुधवार को तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ दायर दुष्कर्म मामले में अपना फैसला 21 मई तक के लिए टाल दिया है. यह फैसला ऐसे समय पर टला है, जब उत्तरी गोवा में बिजली गुल है. चक्रवात तौकते के साथ भारी बारिश और तेज हवाओं के बाद तीसरे दिन भी यहां बिजली संकट कायम है. इस मामले में फैसला अब 21 मई को सुनाया जाएगा. उत्तरी गोवा में मापुसा चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है और यहां पिछले तीन दिनों से बिजली और इंटरनेट कनेक्टिविटी ठप पड़ी हुई है. हालांकि इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन फैसला सुनाया जाना बाकी है. पहले फैसला 27 अप्रैल को सुनाया जाना था, मगर इसे टाल दिया गया. अब दूसरी बार भी फैसले को टाला गया है.

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पिछली बार राज्य में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई थी. मामले में तेजपाल के प्रमुख बचाव पक्ष के वकील राजीव गोम्स की भी पिछले सप्ताह कोविड से संबंधित जटिलताओं के कारण मृत्यु हो गई थी. एक पूर्व जूनियर महिला सहकर्मी ने पत्रकार तरुण तेजपाल पर 2013 में गोवा में उनके द्वारा आयोजित एक सम्मेलन थिंकफेस्ट के दौरान दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था जिसके बाद गोवा की निजली अदालत में उनके खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न का मामला दायर किया गया था. तेजपाल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में दोषी नहीं होने का दावा किया था और खुद को निर्दोष बताया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए गोवा की निचली अदालत में तेजपाल के खिलाफ तय आरोप रद्द करने से मना कर दिया. तेजपाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (दुष्कर्म) के अलावा अन्य कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.