एक ऐसा जंगल जो सिर्फ मॉनसून में ही करता है ग्लो
अगर आम दिनों में आप यहां जाएंगे, तो आपको यहां ऐसी कोई अनयुजुअल चीज देखने को नहीं मीलेगी. ये जंगल केवल मॉनसून में ही ग्लो करते हैं, यानी जब वातावरण में नमी होती है.
पणजी:
अगर आम दिनों में आप यहां जाएंगे, तो आपको यहां ऐसी कोई अनयुजुअल चीज देखने को नहीं मीलेगी. ये जंगल केवल मॉनसून में ही ग्लो करते हैं, यानी जब वातावरण में नमी होती है. इस ग्लो की वजह है. माइसेना नाम के छोटे-छोटे मशरुमस, जो इन जंगलों में पाए जाते हैं. इनकी खास बात ये है कि ये जब एटमॉसफेयर में ज्यादा नमी होती है, तो ये ग्लो करने लगते हैं. इसकी दूसरी वजह है 'ल्यूसिफरेज' जो एक 'ऑक्सीडेटिव एंजाइम' है, जो पेड़ों की सड़ती छाल पर मौजूद लाइट emitting object के संपर्क में आने पर ग्लो करता हैं. इस पुरे प्रोसेस को 'बायोलुमिनसेंट' कहते हैं, इसे फॉक्सफायर या फेयरी फायर के नाम से भी जाना जाता है.
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बहुत ही मैजिकल है गोवा का भगवान महावीर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी
गोवा का भगवान महावीर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी भी एक ऐसा ही मैजिकल फॉरेस्ट है. मॉनसून मे sunset के बाद ये जंगल एकदम मैजिकल लगने लगते हैं. गौरतलब है कि भगवान महावीर अभयारण्य और मोलेम राष्ट्रीय उद्यान एक 240 वर्ग किलोमीटर (93 वर्ग मील) का संरक्षित क्षेत्र है, जो कर्नाटक के साथ पूर्वी सीमा के साथ गोवा राज्य के धारबंदोरा तालुक में पश्चिम भारत के पश्चिमी घाट में स्थित है. यह क्षेत्र गोवा राज्य की राजधानी पणजी से 57 किलोमीटर (35 मील) पूर्व में मोलेम शहर के पास स्थित है. राष्ट्रीय राजमार्ग 4A इसे दो भागों में विभाजित करता है और मोरमुगाओ-लोंडा रेलवे लाइन क्षेत्र से होकर गुजरती है. इसमें गोवा के कदंबों से संबंधित कई महत्वपूर्ण मंदिर हैं और दूधसागर फॉल्स और तांबडी फॉल्स जैसे झरनों का यह केंद्र है. पार्कलैंड खानाबदोश भैंस चरवाहों के एक समुदाय का भी घर है, जिसे धनगर के नाम से जाना जाता है. अगर आपको भी किसी ऐसे फॉरेस्ट के बारे मे पता है, तो प्लीज हमें कॉमेंट सेक्शन मे जरूर बताएं.
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