सांसों के लिए संजीवनी बनेंगे स्मॉग टावर?

बीजिंग का क्षेत्रफल 16,411 वर्ग किमी है, जबकि दिल्ली का क्षेत्रफल 1,484 वर्ग किमी है,

author-image
Pradeep Singh
New Update
smog tower

स्मॉग टावर, दिल्ली( Photo Credit : NEWS NATION)

दिल्ली में सर्दी आने से पहले दूसरे स्मॉग टावर का 7 सितंबर को आनंद विहार मेट्रो स्टेशन के पास उद्घाटन किया गया. दूसरे स्मॉग टावर का उद्घाटन दिल्ली में पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाने के कारण प्रदूषण स्तर बढ़ने से एक महीने पहले हुआ है. कई सालों से दिल्ली के लोग वायु प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. लेकिन दिल्ली में लगे स्मॉग टावर कितने कारगर साबित होंगे और भारत के पड़ोसी देश चीन के बीजिंग में लगे स्मॉग टावर के मुकाबले भारत का स्मॉग टावर कैसा है, देश की राजधानी दिल्ली को कितने स्मॉग टावर की जरूरत है, आपको जरूर जानना चाहिए है. 

Advertisment

सबसे पहले ये जान लीजिए कि बीजिंग और दिल्ली में प्रदूषण का स्तर, जनसंख्या और स्मॉग टावर की स्थिति क्या है. बीजिंग का क्षेत्रफल 16,411 वर्ग किमी है, जबकि दिल्ली का क्षेत्रफल 1,484 वर्ग किमी है, बीजिंग दिल्ली से 11 गुणा बड़ा शहर है यहां की आबादी 2.2 करोड़ है तो दिल्ली में अनुमान के मुताबिक 2.5 करोड़ लोग रहते हैं. 

अगर बात गाड़ियों की करें तो बीजिंग में सड़क पर 60 लाख गाड़ियां दौड़ती हैं जबकि दिल्ली 1 करोड़ 18 लाख गाड़ियां रफ्तार भरती हैं. अब मुद्दे की बात कि दोनों शहर पॉल्यूशन के मामले में किस पायदान पर हैं, बीजिंग में का प्रदूषण स्तर सुधरे की वजह से चीन का होतन रैंक 1 है वहीं दिल्ली का रैंक वॉर्ल्ड एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में 10वां है. 

यह भी पढ़ें:दिल्ली एयरपोर्ट पर आतंकी कर सकते हैं बड़ा हमला, अलर्ट जारी

बीजिंग में स्मॉग फ्री टॉवर की संख्या 1 है और दिल्ली में 2 स्मॉग टावर लग चुके हैं. बीजिंग में पॉल्यूशन की बड़ी वजह वहां की गाड़ियां और कोयले से निकलने वाला धुआं है, दिल्ली में गाड़ियों और किसानों के पराली जलाए जाने को प्रदूषण की वजह माना जाता है. पॉल्यूशन की वजह से बीजिंग में 2020 में 22000 मौतें हुईं, दिल्ली में 2020 में 49000 मौतें हो गईं. कुल मिलाकर बीजिंग और दिल्ली की तुलना करते हुए निचोड़ यह निकलता है कि दिल्ली को 213 स्मॉग टॉवर की वर्तमान में ज़रूरत है. 

दिल्ली के आनंद विहार में लगा स्मॉग टावर1 किमी के दायरे में हवा को साफ कर सकता है जबकि दिल्ली का कुल क्षेत्रफल 1484 वर्ग किलोमीटर है, इस हिसाब से 1000 से ज़्यादा स्मॉग टॉवर दिल्ली को चाहिए. नवंबर 2019 में आईआईटी दिल्ली- मुंबई के एक्सपर्ट पैनल के सुझाव के मुताबिक़ दिल्ली को कुल 213 स्मॉग टॉवर की ज़रूरत है. इन 213 स्मॉग टॉवर लगाने का कुल अनुमानित खर्च 2,982 करोड़ रूपये है. 

चीन के शिंजियान में 2016 में 60 मीटर ऊँचा स्मॉग टॉवर लगाया गया था, दो साल बाद 2018 में किये गए स्टडी में इस स्मॉग टॉवर के इफेक्टिवनेस पर सवाल खड़े हुए, बताया गया कि ये टॉवर 10 वर्ग किलोमीटर में 15 प्रतिशत पॉल्यूशन को ही कम कर सका, हालाँकि दवा किया गया था की ये 75% पॉल्यूशन को कम कर देगा. 

रिपोर्ट में बताया गया की शिंजियान की हवा साफ़ करने के लिए ऐसे 1000 टावर की ज़रूरत होगी. कुल मिलाकर बात यही है कि स्मॉग टावर को प्रदूषण से बचने के एक अच्छे उपाय की तरह देखा जा सकता है लेकिन यह दिल्ली का प्रदूषण कितना कम करेगा और दिल्ली वालों की संसों के लिए कितना कारगर होगा ये अक्टूबर बाद इसी साल में पता चल जाएगा.

(विद्यानाथ झा एंकर/डेप्युटी एडीटर, न्यूज़ नेशन)

HIGHLIGHTS

  • बीजिंग दिल्ली से 11 गुणा बड़ा शहर है यहां की आबादी 2.2 करोड़ है
  • दिल्ली में अनुमान के मुताबिक 2.5 करोड़ लोग रहते हैं
  • बीजिंग में  60 लाख गाड़ियां हैं जबकि दिल्ली में 1 करोड़ 18 लाख गाड़ियां रफ्तार भरती हैं

 

Delhi Smog Tower cm arvind kejriwal anand vihar smog tower
      
Advertisment