logo-image

राहत: दिल्ली-NCR में बदला मौसम का मिजाज, बारिश से मौसम हुआ सुहावना

दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह तेज हवाओं के साथ बारिश हुई है. मौसम में हुए इस सुहावने बदलाव के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है.  पूरे दिल्ली-एनसीआर में सोमवार की रात से ही हल्की-हल्की बारिश शुरू हो गई थी.

Updated on: 01 Jun 2021, 07:47 AM

highlights

  • दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह को तेज हवाओं के साथ बारिश हुई
  • कई दिनों से दिल्ली-एनसीआर में प्रचंड गर्मी हो रही थी.
  • दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 2 से 3 जून तक बारिश हो सकती है

नई दिल्ली:

दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह तेज हवाओं के साथ बारिश हुई है. मौसम में हुए इस सुहावने बदलाव के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है.  पूरे दिल्ली-एनसीआर में सोमवार की रात से ही हल्की-हल्की बारिश शुरू हो गई थी. वहीं नोएडा में कई जगह पर धूल भरी आंधी चली. इसके बाद झमाझम बारिश ने गर्म तपती धरती के साथ लोगों के मन को भी ठंडक पहुंचाया. बारिश के बाद दिल्ली और  उससे सटे राज्यों में मौसम काफी सुहावना हो गया. बता दें मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान जताया था कि दिल्ली में 2 से 3 जून के बीच बारिश या बूंदाबादी हो सकती है.


1 जून को पंजाब तथा हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ स्थानों पर बिजली कड़कने और तेज हवा (40-50 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति) के साथ आंधी चलने की बहुत अधिक संभावना है.

वहीं दूसरी तरफ पहाड़ों में मौसम में बदलाव देखने को मिला. चमोली के अधिकांश इलाकों में बारिश हुई. चमोली के ऊंचाई से लेकर निचले इलाकों में बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई.  मौसम विभाग ने 1 जून को पहाड़ों में भारी बारिश का पूर्व अनुमान जताया था.

और पढ़ें: आज से देश के कई राज्य अनलॉक, मिलेगी पाबंदियों में छूट

केरल

केरल में मॉनसून की शुरूआत में कुछ दिनों की देरी हुई है और अब इसके 3 जून को होने की संभावना है . इसकी वजह ये मानी जा रही है कि मंगलवार से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं धीरे-धीरे मजबूत हो रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप बारिश की गतिविधि में वृद्धि की संभावना है.

आईएमडी ने कहा कि अगले 5 दिनों के दौरान केरल और माहे में भी भारी बारिश की संभावना है, 1-3 जून को तटीय कर्नाटक और 2-3 जून को दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में बारिश होने की संभावना है.

इसके अलावा, 5-7 जून के लिए मौसम का दृष्टिकोण भी व्यापक रूप से व्यापक वर्षा और गरज के साथ पूर्वोत्तर भारत में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा का अनुमान लगाता है.