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delhi hospital fire ( Photo Credit : social media)
Delhi Hospital Fire: पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल भीषण आग की चपेट में आ गया. आधी रात से तकरीबन आधा घंटा पहले अस्पताल एक जोरदार धमाके से दहल गया. हादसे की इत्तला पर अग्निशामकों की टीम, सुरक्षाबल समेत आरडब्ल्यूए के अधिकारी भी पहुंचे. मौके पर दो नर्सें और पांच पड़ोसियों का एक छोटा समूह भी मौजूद था, जो अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चों को बेडशीट में लपेट कर अस्पताल से बाहर ला रहे थे और मदद के लिए चिल्ला रहे थे.
सी ब्लॉक आरडब्ल्यूए के प्रमुख विनय नारंग ने बताया कि, इस खौफनाक मंजर को देख वह भी हैरान थे. उन्होंने फौरन नर्सों से एक नवजात शिशु को ले लिया, जबकि इलाके की एक पड़ोसी अरुणिमा ने दूसरे नवजात को लिया. फिर अपनी गाड़ी की ओर दौड़े और अंदर जाकर एसी चालू कर दिया और बच्चों को वहीं रख दिया. वह बस उम्मीद कर रहे थे कि, इससे बच्चों को आग की तपीश से राहत मिलेगी.
वहीं पड़ोसी अरुणिमा ने बताया कि, वह उन दोनों बच्चों के चेहरे कभी नहीं भूल पाएंगी. कालिख के कारण उनके छोटे-छोटे चेहरे काले हो गए थे.
नर्सों ने मौके पर मौजूद लोगों को बताया कि, अभी भी अस्पताल के अंदर और भी नवजात शिशु हैं, लिहाजा सभी उनकी मदद के लिए दौड़ पड़े. इसी बीच दमकल की गाड़ियां भी मौके पर पहुंचने लगी. एक अन्य पड़ोसी ने पहले ही पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर दिया था. रात 11.32 बजे किसी और ने अग्निशमन विभाग को फोन किया था.
घटना के एक और चश्मदीद इंद्रदीप सिंह ने बताया कि, अस्पताल के खिड़की का शीशा पहले ही टूट चुका था... यह नवजात शिशु के कमरे के ठीक अंदर खुलता था... बच्चे वहीं उन छोटे बाड़ों में थे, सफेद कपड़े में लिपटे हुए थे. वेंटिलेटर बंद थे. अंदर इतना धुआं था कि लोग सांस तक नहीं ले पा रहे थे. उनमें से कुछ बच्चे रो रहे थे. सभी ने मिलकर उन्हें एक-एक कर उठाया और सीढ़ी के पास खड़े नर्सों और अन्य पड़ोसियों को देने लगे. यूं ही घंटों की मशक्कत के बाद, आखिरकर उन्होंने जितना बन पड़ता था, बच्चों की सहायता करने की कोशिश की. हालांकि कुछ समय बाद उन्हें मालूम चला कि, बचाए गए बच्चों में से छह बच्चे नहीं बच पाए.
Source : News Nation Bureau