Video: राष्ट्रपति संपत्ति पर 42 सालों से रह रहे हैं ये लोग, किसी को नहीं लगी भनक

राष्ट्रपति की संपत्ति पर इतनी बड़ी चूक होना देश के लिये चिंता का विषय है।

राष्ट्रपति की संपत्ति पर इतनी बड़ी चूक होना देश के लिये चिंता का विषय है।

author-image
sunita mishra
एडिट
New Update
Video: राष्ट्रपति संपत्ति पर 42 सालों से रह रहे हैं ये लोग, किसी को नहीं लगी भनक

Video: राष्ट्रपति भवन के सामने 42 सालों से रह रहें ये लोग, किसी को भनक भी नहीं

दिल्ली में एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवालिया निशान खड़े हो गये हैं। राष्ट्रपति की संपत्ति पर इतनी बड़ी चूक होना देश के लिये चिंता का विषय है। राष्ट्रपति संपत्ति के सामने जंगल के परेड ग्राउंड में मजार की गुफा में पिछले 42 साल से दो लोग रहे हैं, लेकिन अभी तक न तो इनके बारें में पुलिस को पता है, न ही आईबी और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट इसकी कोई भी भनक लग पाई हैं।

Advertisment

शनिवार की रात दिल्ली पुलिस ने कंट्रोल रूम को कॉल करके बताया कि राष्ट्रपति संपत्ति के जंगलों में परेड ग्राउंड में दो संदिग्ध घुस गए हैं। पुलिस बल ने 73 एकड़ में फैले जंगल में सर्च आपरेशन शुरू किया। जंगल में करीब दो किलोमीटर अंदर जाने पर पुलिस को मजार के नीचे एक गुफा में सोते हुए दो लोग मिले।

ये भी पढ़ें, चुनाव से पहले अखिलेश ने राज्य कर्मचारियों को दिया तोहफा, नए साल से लागू होगा 7वां वेतन आयोग

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने इन दोनों को चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन ले गई, जहां आईबी की टीम ने इनसे पूछताछ की। इनकी पहचान 60 साल के गाजी नूरुल हसन और 22 साल के मुरसलीन के तौर पर हुई है। लेकिन इनके बारे में जानकर पुलिस और आईबी की टीम भी हैरान रह गई।

ये भी पढ़ें, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने हाइडल प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार मामले में उठाई जांच की मांग, कहा इस्तीफा दे रिजीजू

हैरानी की बात ये है कि गाजी नूरूल हसन राष्ट्रपति भवन के सामने जंगल के परेड ग्राउंड मे मजार की गुफा में पिछले 42 साल से रह रहा है। इस पते पर उसका वोटर आईकार्ड, पासपोर्ट, आधारकार्ड और पैन कार्ड तक बना हुआ है। इनका पता है, डीएच दरगाह ख्वाजा परेड ग्राउंड मदर टैरेसा क्रीसेंट। इंटरेस्टिंग बात तो ये है कि इस गुफा में इनके नाम से बिजली का मीटर भी लगा है, लेकिन लोकल पुलिस, पीसीआर, आईबी और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट तक को नहीं पता है कि ये शख्स यहां 42 साल से रह रहा है।

ये भी पढ़ें, जेटली ने कहा, 'सरकार नोटबंदी पर चर्चा के लिए है तैयार, विपक्ष चलने दे संसद'

ये संदिग्ध राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 29 के सामने की दीवार फांदकर रिज के अंदर घुसा था। वह पिछले 2 साल से उसी रास्ते का इस्तेमाल कर रहा है,क्योंकि पुराने रास्ते पर पाइप लगा दिए गए हैं, जिससे वह रास्ता बंद हो गया है।

नूरुल के मुताबिक वो राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के जमाने में दिल्ली आया था और राष्ट्रपति भवन में अरबी का ट्यूटर था। इस मजार पर वो उर्स भी करवा चुका है। जिसकी इजाजत लिखित में उसने इसी पते पर पुलिस से ली थी। इस घटना से शनिवार की रात पूरे इलाके में हड़कंप मचा रहा और पुलिस के तमाम आला अधिकारी जंगल में भटक रहे थे। पुलिस का कहना है कि ये सब गलतफहमी के चलते हुआ था।

HIGHLIGHTS

  • इनकी पहचान 60 साल के गाजी नूरुल हसन और 22 साल के मुरसलीन के तौर पर हुई
  • पुलिस, आईबी और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट कोई भी नहीं लग पाई इसकी भनक

Source : रुम्मान उल्ला खान

Rashtrapati Bhawan
      
Advertisment