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Delhi Police initiative
कोलकाता के आरजीकर अस्पताल में हुई हैवानियत के बाद देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर थे. महिला डॉक्टर, नर्स मेडिकल स्टाफ को अपनी सुरक्षा का संकट सता रहा था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने परिवर्तन एनजीओ के साथ मिलकर एक अनोखी पहल की है. जिसमें लगभग डेढ़ हजार महिला डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. दिल्ली पुलिस की कोशिश है की राजधानी के सभी बड़े सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में इसी तरह की आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाए.
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अस्पताल में यह ट्रेनिंग 5 दिन चलती है
एक अस्पताल में यह ट्रेनिंग 5 दिन चलती है. जिसमें शुरुआत एक्सरसाइज, पंच और किक करने से की जाती है. इसके बाद आत्मरक्षा की अलग-अलग मुद्दा सिखाए जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति पीछे से बाल पकड़े, आगे से हाथ पकड़े, गला पड़े या लोगों का एक समूह अकेली महिला डॉक्टर पर हमला कर दे, तो कैसे बचाना है.
हेयर पिन से लेकर गाड़ी की चाबी तक पोटेंशियल वेपन
आत्मरक्षा के लिए डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के पास मौजूद सामान्य चीजों को कैसे हथियार में तब्दील किया जा सकता है ? कैसे केवल एक पेन के जरिए किसी हमलावर को बुरी तरह से घायल किया जा सकता है, जान बचाने वाले स्टेटसस्कोप जान लेने वाली रस्सी में कैसे तब्दील किया जा सकता है. हेयर पिन से लेकर गाड़ी की चाबी तक सभी वस्तु एक पोटेंशियल वेपन में तब्दील हो सकते हैं.
न्यूज़ नेशन संवाददाता राहुल डबास ने भी दिल्ली पुलिस की महिला कमांडो के द्वारा सिखाई जा रही इस ट्रेनिंग का जायजा लिया. महिला कमांडो ने हमारे संवाददाता से स्टेटसस्कोप की मदद से हवा में उठाकर पटक दिया.
डेढ़ हजार से ज्यादा महिला मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग हो चुकी
दिल्ली पुलिस सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग के लिए परिवर्तन संस्था की मदद ले रही है. इसके जरिए अभी तक 5 से ज्यादा निजी और सरकारी अस्पतालों में डेढ़ हजार से ज्यादा महिला मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग हो चुकी है. ट्रेनिंग के बाद डॉक्टर नर्स और अन्य महिला मेडिकल स्टाफ का कहना है कि अब वह खुद को पहले से ज्यादा महसूस समझते हैं. अब वह जान बचाने वाली गोली देने के साथ-साथ उन पर हमले की स्थिति वाली गोली से बचना भी जानते हैं. दिल्ली पुलिस की तरफ से एसीपी संजीव कुमार का भी कहना है कि हर जगह हर समय पुलिस की मौजूदगी नहीं हो सकती, ऐसे में महिला डॉक्टर को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग जरुर मिलनी चाहिए.
(रिपोर्ट: राहुल डबास)