दिल्ली के शालीमारबाग इलाके में स्थित मैक्स अस्पताल में जुड़वा बच्चों को मृत घोषित करने के बाद नाराज परिजन शुक्रवार रात से अस्पताल के आगे विरोध प्रदर्शन पर बैठ गए हैं।
परिजनों का कहना है कि वे तब तक वहां बैठे रहेंगे जब तक कि अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो जाती है।
दरअसल शुक्रवार को मैक्स अस्पताल ने 30 नवंबर को जन्में दो जुड़वा बच्चों को मृत घोषित करते हुए प्लास्टिक बैग में परिजनों को सौंप दिया था, लेकिन बच्चों को दफनाने के लिए गए परिजनों को महसूस हुआ कि एक बच्चा जिंदा है।
इसके बाद तुरंत वे नजदीक के अस्पताल में बच्चे को ले गए, जहां डॉक्टर ने एक को जिंदा बताया।
जुड़वा बच्चों के नाना, प्रवीण ने बताया, ' मेरी बेटी मंगलवार को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी। दो दिन बाद सी-सेक्शन डिलीवरी के दौरान शाम 7.30 बजे उसने पहले एक बेटे और 12 मिनट बाद एक बेटी को जन्म दिया था।'
उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने परिवारवालों से कहा कि बेटी की मौत हो चुकी है और बेटे की हालत गंभीर है, उसे वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। बाद में बताया गया कि बेटे को भी बचाया नहीं जा सका।
और पढ़ें: एचआईवी वायरस से जुड़े इन मिथ को करें दूर
घटना को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने दिल्ली सरकार को मैक्स अस्पताल की अनदेखी पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
इस मामले पर मैक्स हेल्थकेयर अथॉरिटी ने कहा, 'हम इस दुर्लभ हादसे से सदमे में है। हमने जांच शुरू कर दी है तब तक के लिए संबंधित डॉक्टर को छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया गया है। हम बच्चे के माता-पिता की हर जरुरत के लिए लगातार संपर्क में है।'
इससे पहले शुक्रवार को ही अस्पताल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 308 के तहत चिकित्सा में अनदेखी का केस दर्ज कर लिया गया।
और पढ़ें: AIDS DAY: करीब 50 करोड़ साल पुराना है एड्स वायरस
HIGHLIGHTS
- जुड़वा बच्चों को मृत घोषित करने के बाद नाराज परिजन शुक्रवार रात से अस्पताल के आगे विरोध प्रदर्शन पर बैठ गए हैं
- अस्पताल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 308 के तहत चिकित्सा में अनदेखी का केस दर्ज किया गया
Source : News Nation Bureau