दिल्ली को जोड़ने वाले हाईवे पर ट्रैफिक का संकट, संसद की कमेटी ने दिए सख्त सुझाव

कई सांसदों ने दिल्ली और उससे सटे हरियाणा से आने वाले वाहनों की खराब स्थिति पर गंभीर चिंता जताई और इससे निपटने के लिए परिवहन मंत्रालय को अहम सुझाव भी दिए.

कई सांसदों ने दिल्ली और उससे सटे हरियाणा से आने वाले वाहनों की खराब स्थिति पर गंभीर चिंता जताई और इससे निपटने के लिए परिवहन मंत्रालय को अहम सुझाव भी दिए.

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Mohit Dubey
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Traffic crisis in delhi

Traffic crisis Photograph: (Social Media)

राष्ट्रीय राजधानी स्थित संसद भवन में सोमवार को परिवह एवं संस्कृति मामलों की संसद की स्थाई कमेटी की हाई लेवल बैठक हुई, जिसमें दिल्ली से मिलते हाइवे पर बढ़ते ट्रैफिक और उससे निजात पाने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई. इस दौरान एनएचएआई के अध्यक्ष व केंद्रीय परिवहन सचिव समेत हरियाणा व यूपी के वरिष्ठ पुलिस अफसर मौजूद रहे. 

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जानकारी के अनुसार कई सांसदों ने दिल्ली और उससे सटे हरियाणा से आने वाले वाहनों की खराब स्थिति पर गंभीर चिंता जताई और इससे निपटने के लिए परिवहन मंत्रालय को अहम सुझाव भी दिए. सांसदों ने कहा कि राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाले हाइवे पर गलत तरीके से बन कट, अवैध पार्किंग और ढाबों के कारण भीषण जाम की स्थिति पैदा हो रही है. इसकी वजह से लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है. जबकि हादसे होने का भी भय बना रहता है. 

बैठक में कालिंदी कुंज स्थित एमसीडी टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम को लेकर भी चर्चा की गई. सांसदों ने समिति का ध्यान खींचते हुए कहा कि इस टोल पॉइंट के कारण भीषण जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. जबकि सुबह और शाम यानी पीक आवर्स में तो लोगों को घंटों तक जाम से जूझना पड़ता है. सांसदों की तरफ से सुझाव आया कि टोल कलेक्शन के लिए एक अलग लेन बनाई जानी चाहिए, जिससे की ट्रैफिक पर इसका कोई प्रभाव न  पड़े. 

कांग्रेस ने अपनी ओर से यह प्रमुख मांगें रखी हैं:

  • सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मौके पर भेजा जाए और उसे पूरी स्वतंत्रता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाने दी जाए.
  • सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई जाए, जिससे व्यापक चर्चा हो सके.
  • संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि इस गंभीर मुद्दे पर लोकतांत्रिक तरीके से संवाद हो.

इस दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने अपना धर्म निभाया है. हमने भरोसे और जिम्मेदारी के साथ कदम उठाया, लेकिन सरकार का रवैया गंभीर और ईमानदार नहीं दिख रहा. सरकार की कूटनीति और उसका नैरेटिव, दोनों ही नाकाम होते नजर आ रहे हैं. इस हाई लेवल मीटिंग में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में 1.25 लाख करोड़ रुपए की लागत से ट्रैफिक से निपटने की योजनाएं बनाई हैं. इन परियोजनाओं को एनएचएआई द्वारा अपने खर्चे पर, पीडबल्यूडी की मदद से किया जाएगा. 

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