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तीस हजारी हिंसाः काम पर नहीं लौटे और हिंसा में शामिल रहे वकील तो BCI नहीं करेगी समर्थन

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से काम पर लौटने को कहा है. पुलिसकर्मी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई न होने से नाखुश हैं.

Updated on: 05 Nov 2019, 02:03 PM

नई दिल्ली:

तीस हजारी हिंसा मामले में बार काउंसिल ने सख्त रूख अपना लिया है. बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली की सभी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन को ख़त लिखकर साफ किया है कि अगर वकील हड़ताल खत्म कर काम पर नहीं लौटते और किसी भी तरह की हिंसा में शामिल होते है तो बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया उनका समर्थन नहीं करेगी.

पुलिस कमिश्नर ने भी काम पर लौटने का दिया निर्देश
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से काम पर लौटने को कहा है. पुलिसकर्मी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई न होने से नाखुश हैं.

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पुलिसकर्मियों ने किया प्रदर्शन
दिल्ली पुलिस की थर्ड बटालियन के पुलिसकर्मी जो जेल से कैदियों को कोर्ट लाने ले जाने का काम करती है इसके सभी पुलिसकर्मी वकीलों की हिंसा के विरोध में काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं. इसी बटालियन के पास कोर्ट में जो लॉकअप होते हैं उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होती है.

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सोमवार को वकीलों ने की थी पुलिसकर्मी की पिटाई
तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा वकीलों की पिटाई के बाद सोमवार को वकीलों ने एक पुलिसकर्मी को पीट दिया. बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मी वीडियो बना रहा था जिससे वकील नाराज हो गए और उन्होंने पुलिसकर्मी को पीट दिया. ये पुलिसकर्मी तमिलनाडु से आया था. दूसरी तरह साकेत कोर्ट के बाहर भी वकीलों द्वारा एक ऑटोवाले की पिटाई का मामला सामने आया.
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शनिवार को पार्किंग विवाद में हुई थी झड़प
शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग को लेकर वकील और पुलिस के बीच झड़प हो गई. पुलिस की गोलीबारी से एक वकील के गोली लग गई. इससे भड़के वकीलों ने पुलिस के साथ मारपीट की और पुलिस जीप में आग लगा दी. घटना के विरोध में सोमवार को वकीलों ने हड़ताल कर दी