logo-image

दिल्‍ली पुलिस कमिश्‍नर नहीं, इस अफसर के कहने पर दिल्‍ली पुलिसकर्मियों ने खत्‍म किया धरना

दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर मंगलवार को दिन भर चले जिस धरने को खत्म कराने में दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक हार गए, एक छोटे से वादे ने वह धरना-प्रदर्शन चंद सेकेंड में खत्म करा दिया.

Updated on: 06 Nov 2019, 07:55 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर मंगलवार को दिन भर चले जिस धरने को खत्म कराने में दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक हार गए, एक छोटे से वादे ने वह धरना-प्रदर्शन चंद सेकेंड में खत्म करा दिया. ऐसा नहीं है कि यह वादा किसी आसमानी फरिश्ते ने किया हो. यह वादा दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (अपराध) सतीश गोलचा ने रूठे हुए अपनो से लगभग रात आठ बजे किया और धरना खत्म हो गया.

यह भी पढ़ें : दिल्ली पुलिस मुख्यालय का घेराव: कमजोर नेतृत्व ने 'खाक' में मिलाई 'खाकी' की इज्जत!

वादा यह था कि पुलिसकर्मी खुद को अकेला न समझें, सरकार और महकमा उनके साथ है. वादे को सही साबित करने के लिए विशेष पुलिस आयुक्त ने घोषणा की कि बुधवार को सुबह लगभग 11 बजे दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट में एक समीक्षा याचिका दायर करेगी. समीक्षा याचिका में हाईकोर्ट से अनुरोध किया जाएगा कि जब घायल वकीलों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से रविवार को की गई, रविवार को ही हाईकोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया कि जब तक मामले की न्यायिक जांच पूरी न हो जाए, तबतक किसी भी वकील की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. ऐसे में फिर ये सभी सुविधाएं घटना वाले दिन मौके पर घायल हुए पुलिसकर्मियों को भी दी जाएं.

हाईकोर्ट ने रविवार के आदेश में यह भी कहा था कि सिर्फ उन्हीं मामलों में वकीलों की गिरफ्तारी नहीं होगी, जिनकी एफआईआर रविवार तक पुलिस ने दर्ज की होगी. दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त गोलचा ने आगे कहा कि समीक्षा याचिका के माध्यम से दिल्ली पुलिस आग्रह करेगी कि रविवार के आदेश में जो जो सुविधाएं नियमानुसार एक पक्ष को दी गई हैं, वे सभी सुविधाएं दिल्ली पुलिस के पीड़ित कर्मियों को भी दी जानी चाहिए.

यह भी पढ़ें : AAP को बड़ी राहत, राष्ट्रपति ने 11 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिका खारिज की

मसलन, न्यायिक जांच पूरी होने तक तीस हजारी कांड में किसी भी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी पर रोक, जैसा हाईकोर्ट ने रविवार के आदेश में घायल वकीलों के इलाज के आदेश दिया, उनकी आर्थिक मदद के लिए कहा, हाईकोर्ट इसी तरह का आदेश देने पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पीड़ित दिल्ली पुलिसकर्मियों के लिए भी विचार करे.