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जामिया के पास फिर हजारों ने किया प्रदर्शन, प्रदर्शनकारी बोले-अगर अब एकजुट नहीं हुए, तो कब होंगे

महिलाओं के नेतृत्व वाले समूहों को भी आवासीय इलाकों की संकरी गलियों में मार्च निकालते और लोगों से घरों से बाहर आकर ‘‘न्याय के लिये प्रदर्शन’’ का हिस्सा बनने का अनुरोध करते देखा गया.

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Sushil Kumar
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जामिया के पास फिर हजारों ने किया प्रदर्शन, प्रदर्शनकारी बोले-अगर अब एकजुट नहीं हुए, तो कब होंगे

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ मंगलवार को भी जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हजारों लोग प्रदर्शन में शामिल हुए. सर्द मौसम की परवाह न करते हुए प्रदर्शनकारियों ने सुबह करीब 10 बजे विश्वविद्यालय के गेट नंबर 7 पर जमा होना शुरू कर दिया. उनके हाथों में तिरंगे तथा पोस्टर थे. दिन चढ़ते-चढ़ते भीड़ बढ़ने लगी. कई लोग मोटरसाइकिलों और कारों से प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. इस दौरान ‘ज्यादती से आजादी’, ‘आवाज दो, हम एक हैं’ जैसे नारे लग रहे थे. कई लोगों ने हाथों में ‘‘हमें चाहिए बराबरी’’ की तख्ती ली हुई थी. महिलाओं समेत कुछ प्रदर्शनकारियों ने गेट संख्या 7 के बाहर घेरा बनाया तो कई लोगों ने पीली रस्सियों के सहारे मानव श्रृंखला बनाई.

महिलाओं के नेतृत्व वाले समूहों को भी आवासीय इलाकों की संकरी गलियों में मार्च निकालते और लोगों से घरों से बाहर आकर ‘‘न्याय के लिये प्रदर्शन’’ का हिस्सा बनने का अनुरोध करते देखा गया. स्कूली बच्चों की बसें जब इन इलाकों से होकर गुजरीं तो उन्होंने बसों से हाथ निकालकर तख्तियां दिखाईं जिनपर लिखा था ‘‘हम न्याय चाहते’’ हैं. महिलाओं के एक समूह ने पोस्टर पकड़ रखे थे जिस पर आंखों पर पट्टी बंधी एक महिला की आंखों से खून बहता दिख रहा था और वे गाना गा रही थीं ‘‘सारे जहां से अच्छा’’. एक कार की विंडस्क्रीन पर एक पोस्टर चिपका था जिसमें एक पुलिसकर्मी हाथ में डंडा लिये नजर आ रहा था. इस पोस्टर पर संदेश लिखा था: ‘‘जो लोग हिंसा फैला रहे हैं, उनकी पहचान उनके कपड़ों से की जा सकती है.’’

शाम करीब चार बजे के बाद 30 वकीलों का एक समूह भी प्रदर्शन में शामिल हुआ. वकीलों में से एक डी एस बिंद्रा ने कहा, ‘‘हम प्रदर्शनकारियों को नैतिक समर्थन देने और घायल छात्रों से मिलने के लिये यहां आए हैं.’’ छात्रों ने बताया कि उनके कई सहपाठी अपने-अपने घर जा चुके हैं लेकिन उन्होंने यहीं रहने का और तब तक लड़ाई जारी रखने का फैसला किया जब तक कि नागरिकता कानून में किए गए संशोधन वापस नहीं लिए जाते. बीए के छात्र अनस मोहम्मद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में उसके घरवाले चिंतित हैं लेकिन वह घर नहीं जाएगा. उसने पूछा, ‘‘अब कैब आया तो घर जाएंगे, जब एनआरसी आएगा तो कहां जाएंगे?’’

आयोजकों द्वारा आज का प्रदर्शन इस ऐलान के साथ खत्म किया गया कि बुधवार को 11 बजे इसे फिर शुरू किया जाएगा. जामिया के इलाकों में प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा हालांकि एहतियातन सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन के पास विश्वविद्यालय जाने वाले रास्तों पर पुलिस दल तैनात थे. सुखदेव विहार और जामिया मिल्लिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार हालांकि खोल दिये गये थे. यह लगातार दूसरा दिन था जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए. रविवार को हालांकि प्रदर्शन हिंसक हो गया था. 

Source : Bhasha

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