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बच्चों के लिए खतरा टला नहीं, दिल्ली सरकार कर रही तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

दिल्ली सरकार को लगता है कि अभी बच्चों के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, लिहाजा बच्चों के लिए स्कूल खोलने से अभी बचना चाहिए. 

Updated on: 24 Aug 2021, 05:12 PM

highlights

  • दिल्ली सरकार को अभी भी तीसरी लहर और तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने का डर है
  • बच्चों के लिए सो आईसीयू बेड बनाए जा रहे हैं और स्कूल खोलने पर कोई फैसला नहीं लिया है
  • चाचा नेहरू अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर का कहर धीमा पड़ गया है, राजधानी में कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है, तो वहीं तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई जा रही है. लेकिन भले ही सारा साइंटिफिक डाटा और आईसीएमआर की रिपोर्ट चीख चीख कर कह रही हो कि देश के दो तिहाई बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. अनुपात के रूप में 25 करोड़ बच्चे अधिकांश रूप से एइंटर्मेटिक रहे हो, लेकिन दिल्ली सरकार को अभी भी तीसरी लहर और तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने का डर है. यही वजह है कि अब चाचा नेहरू अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है. बच्चों के लिए सो आईसीयू बेड बनाए जा रहे हैं और स्कूल खोलने पर कोई फैसला नहीं लिया है.

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देश के ज्यादातर राज्यों में स्कूलों को में खोल दिया गया है या खोलने की तैयारी की जा रही है, स्कूलों को अब बंद रखना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है. उत्तर प्रदेश, बिहार व हरियाणा में स्कूल खोल दिए गए हैं. दिल्ली में भी स्कूल खोल देने चाहिए. कोरोना अब डेढ़ साल पुराना वायरस हो चुका है. अब आंकड़ों व वैज्ञानिक आधार पर फैसला लेना चाहिए. लेकिन भले ही केंद्र सरकार यह मानती हो कि बच्चों के अंदर कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित होने वाले रिसेप्टर वयस्क लोगों की तुलना में कम हो, लेकिन दिल्ली सरकार को लगता है कि अभी बच्चों के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, लिहाजा बच्चों के लिए स्कूल खोलने से अभी बचना चाहिए. 

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बता दें कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच बड़ी राहत मिली है. करीब डेढ़ साल के बाद कोरोना के एक्टिव केस एक फीसद से भी कम हो गए हैं. यह संख्या पिछले साल मार्च के बाद सबसे कम है. बीते 24 घंटे में कोरोना के 25,467 नए केस सामने आए हैं. एक्टिव केसों की संख्या भी तेजी से कम होकर 3,19,551 ही रह गई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक यह संख्या बीते 156 दिनों का सबसे कम आंकड़ा है. कोरोना का रिकवरी रेट भी बढ़कर 97.68 फीसद हो गया है.