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ये है ठकठक गैंग की लूट का नया तरीका, जान लीजिए, नहीं तो हो जाएंगे शिकार

दिल्ली एनसीआर में कार चालकों के लिए ठक-ठक गैंग मुसीबत बना हुई है. इनके नाम एक हैं, लेकिन यह सब अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठकते हैं.

Updated on: 17 Apr 2019, 11:24 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली एनसीआर में कार चालकों के लिए ठक-ठक गैंग मुसीबत बना हुई है. इनके नाम एक हैं, लेकिन यह सब अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठकते हैं. कभी कार के शीशे पर ठक-ठक करते हैं, कभी ड्राइवर के आसपास 10-10 के नोट गिरा देते हैं, कभी कार चलाते समय बाइक से पीछा करके तेल लीक होने जैसा इशारा करते हैं, उसके बाद भी अगर कार सवार उन्हें नजरंदाज करता है तो टायर पंचर करने से भी यह पीछे नहीं हटते. जब ड्राइवर का ध्यान अलग होगा तो ये कार के डैश बोर्ड या सीट पर रखे मोबाइल व बैग पर हाथ साफ कर देते हैं. अगर कार के शीशे बंद हुए तो उन्हें भी इतनी सफाई से तोड़ते हैं कि आवाज नहीं आती. पिछले कुछ सालों में दिल्ली-एनसीआर के सैकड़ों वाहन चालक इनका शिकार हो चुके हैं. रोज ऐसी कई वारदात सामने आती हैं. मोबाइल और लैपटॉप बैग तो चोरी होना आम है, कई बार लाखों का कैश और ज्वेलरी तक चोरी हो चुकी हैं.

गुलेल से तोड़ते हैं शीशा

इन पर लगाम कसने के लिए पुलिस डाल-डाल चलती है तो यह गैंग पात-पात पैंतरा बदलता है. इस गैंग ने वक्त के साथ वारदात के नए-नए तरीके ईजाद कर लिए हैं. दिल्ली-एनसीआर में ठक-ठक गैंग के कारनामे तेजी से बढ़े हैं.

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अक्सर लोग कार में ड्राइवर के भरोसे कैश या कीमती सामान छोड़ देते हैं या फिर सेंट्रल लॉक लगाकर सामान को सेफ समझते हैं. इसी नासमझी का फायदा उठाता है ठक-ठक गैंग. कार के ड्राइवर को चकमा देकर सेंट्रल लॉक खुलवाना और बंद गाड़ी के शीशे गुलेल से तोड़ना इनके बांए हाथ का खेल है. ये लोग वारदात से पहले कार का पीछा करके रेकी करते हैं. उसमें रखे सामान, बैग आदि का अंदाजा लगाते हैं. जिस बैग से रकम या कीमती सामान व ज्वेलरी मिलने की उम्मीद होती है, उसे ही टारगेट करते हैं.

रातों-रात छोड़ देते हैं दिल्ली

राजधानी में ठक-ठक गैंग के तरीके से काम करने वाले कई गैंग सक्रिय हैं. इस गैंग में औरतें, किशोर और बच्चे भी शामिल रहते हैं, जिन्हें पकड़ना या पूछताछ करना पुलिस के लिए आसान नहीं होता. गैंग के ज्यादातर सदस्य दक्षिण भारत के हैं, जो कई बार अपने साथ अन्य राज्यों के अपराधियों को भी मिलाकर रखते हैं. गिरोह के कुछ दक्षिण भारतीय सदस्य यहीं दिल्ली में रहते हैं, तो कुछ वारदात करते ही रातों-रात दिल्ली छोड़ जाते हैं.

वारदात को ऐसे देते हैं अंजाम

ठक-ठक गैंग, ये नाम कुख्यात होते ही गैंग मेंम्बर्स ने वारदात के कुछ नए तरीके खोज लिए. अब ये ठकठक के बजाए इशारों में, रोडरेज के बहाने या कारों के शीशे तोड़कर ज्यादा और बड़ी वारदातें कर रहे हैं. इसलिए अगली बार ट्रैफिक सिग्नल पर या ड्राइव करते समय कोई आपकी कार के टायर या बोनट की तरफ इशारा करे तो सावधान हो जाएं. जो शख्स आपकी कार पंचर होने या तेल लीक होने का इशारा देकर हितैषी बन रहा हो, वह आपके लिए घातक साबित हो सकता है.

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टायर बदलवाने या तेल लीक की जांच के दौरान कार में रखा लाखों का कैश, ज्वेलरी व अन्य कीमती सामान चोरी करने की तमाम वारदात हो चुकी हैं. गैंग के लोग इस काम को काफी चालाकी से अंजाम देते हैं. सभी सदस्य टारगेट के आसपास ही होते हैं. एक तय दूरी पर बाइक लेकर खड़े होते हैं. देर रात गाड़ी रूकवाने के लिए शीशे पर अंडे तक फेंक देते हैं.

कार पर कपड़ा

गैंग के सदस्यों ने एक नया तरीका यह भी अपनाया है कि वह आपके वाइपर पर टीशर्ट लगा देतें हैं. जब लोग गाड़ी में बैठते हैं तो उनका ध्यान जाता है. जिसके बाद वह बिना सोचे समझे गाड़ी से निकल कर आते हैं. जिसके बाद गैंग के सदस्य बड़ी तेजी से सामान लेकर निकल जाते हैं. कई बार यह आपकी कार को भी हड़प सकते हैं

रोड-रेज का भी करते हैं नाटक

हाल ही में इस गैंग ने नोएडा के सेक्टर-39 थानाक्षेत्र में एक सवार के साथ वारदात को अंजाम दिया. पहले बाइक सवार बदमाशों ने कार में टक्कर मारकर रोडरेज का ड्रामा करने की कोशिश की, फिर भी कार सवार नहीं रूके तो उनके टायर पंचर कर दिए. पंचर लगवाते समय कार के सारे शीशे बंद थे. ऐसे में बदमाशों ने शीशे तोड़कर बैग चोरी कर लिया, जिसमें लैपटॉप, कैश आदि सामान था. दिल्ली में एयरपोर्ट, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन से निकलने वाले यात्रियों के अलावा बाजारों से घर की तरफ जाने वाले व्यवसायियों के साथ ऐसी कई वारदात हो चुकी हैं.

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पुरानी दिल्ली के कई व्यापारी इस गैंग के शिकार बन चुके हैं. राजधानी का अतिसुरक्षित क्षेत्र कही जाने वाली नई दिल्ली में भी ऐसी कई वारदात हो चुकी हैं. कह सकते हैं कि 'हाई सिक्योरिटी जोन' में ठकठक का 'हाई रिस्क' है. सूत्रों का कहना है कि नई दिल्ली और साउथ दिल्ली जिले में कारों को टार्गेट करने वाले कई गैंग सक्रिय हैं. कोई शीशों पर ठकठक करके चोरी करता है, तो कोई शीशे तोड़कर.

गुलेल, कंचे और टायर किलर हैं हथियार

आमतौर पर ठकठक गैंग के सदस्य कोई घातक हथियार लेकर नहीं चलते. वह बस अपने काम की चीजें लेकर चलते हैं. जैसे शीशे तोड़ने के लिए गुलेल व कंचे. टायर पंचर करने के लिए इनके पास सुआ नुमा टायर किलर होता है, जो इतना शॉर्प होता है कि उससे टायर ट्यूब में इतना मामूली सुराख होता है कि हवा फौरन नहीं निकलती, ताकि शिकार को शक न हो. आमतौर पर टायर किलर का इस्तेमाल रेड लाइट पर करते हैं, जिससे कि आगे चलकर शिकार रुकने पर मजबूर हो जाए.

गैंग के सदस्यों का रहन-सहन चौंकाने वाला है

पुलिस सूत्रों के अनुसार इस गिरोह के ज्यादातर सदस्य दिल्ली के मदनगीर, त्रिलोकपुरी, कल्याणपुरी और मंगोलपुरी में रहते आए हैं. ये अपने रहन-सहन पर अच्छा खर्च करते हैं. किराए का फ्लैट लेकर रहते है. कई सदस्य बाकायदा कार रखते हैं, ताकि आसपास के लोगों को उन पर शक न हो.

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वारदात करने अपनी गाड़ी पर कभी नहीं निकलते. हमेशा अपनी कार को पेड पार्किंग में खड़ी करते हैं. वहां से किराए की बाइक लेकर शिकार की तलाश में निकलते हैं. ये लोग लालबत्ती या चौराहों के आसपास रहकर कार में रखा सामान तलाशते रहते हैं, जैसे ही इन्हें किसी कार में कैश, लैपटॉप या कीमती सामान की भनक लगती है, उसके पीछे लग जाते हैं.

कानूनी दाव-पेंच खूब समझते हैं

ये लोग कानूनी-दाव पेंच खूब समझते हैं. यही वजह है कि स्नैचिंग या लूट करने के बजाए धोखे से चोरी करने की फिराक में होते हैं. उन्हें पता है कि चोरी में लूट या झपटमारी के मुकाबले सजा कम होती है और जमानत मिलने में भी ज्यादा मुश्किल नहीं आती. कुछ गैंग अपने साथ ऐसे शख्स को भी साथ लेकर चलते हैं जो खुद को वकील बताता है, कहीं पकड़े जाने पर वह शख्स फौरन ले-देकर मामला निबटाने की कोशिश में लग जाता है.

इन बातों का ध्यान रख कर करें बचाव

  • कार में सफर के दौरान कीमती सामान वाला बैग सीट पर रखने की जगह पैरों के नीचे रखना ज्यादा सेफ है, ताकि उचक्कों की नजर से बच सके.
  • ये गैंग पहले कार के आगे-पीछे रेकी करता है, उसके बाद वारदात को अंजाम देता है.
  • लालबत्ती पर भीख मांगने वाले शीशे पर ठकठक करते हैं, वह भी उसी गैंग का हिस्सा हो सकते हैं.
  • गाड़ी के आसपास गिरे नोटों के लालच में भूलकर न पड़ें, चंद नोट पाने की खुशी में आपका हजारों-लाखों का नुकसान हो सकता है.
  • अगर कोई कहे कि गाड़ी में कुछ खराबी है, पिछला दरवाजा, डिग्गी बंद नहीं है, टायर पंचर है या तेल लीक हो रहा है तो उसी समय कार न रोकें. सतर्क होकर जांच करें.
  • टायर पंचर होने और टायर लगवाते समय गाड़ी की सुरक्षा के प्रति ज्यादा सावधान रहें.
  • सेंट्रल लॉक के भरोसे सीट पर कीमती सामान छोड़ने में रिस्क है. गुलेल से कार के शीशे तोड़कर मिनटों में सामान चोरी होता है.
  • अगर आपके वाइपर पर कुछ फंसा हुआ हो और कोई व्यक्ति उसके बारे में बताए तो जितना तेजी से हो सके उस जगह से निकल जाइए. कहीं सुरक्षित जगह पर उस कपड़े को निकालें.