सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उत्पाद शुल्क नीति मामले में गिरफ्तारी के कारण अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत ने कहा कि, यह औचित्य का मामला है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि, यह दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर निर्भर है कि अगर वह चाहें तो कार्रवाई करें, लेकिन हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव 2024 में प्रचार के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत देने के कुछ दिनों बाद आया है.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने अरविंद केजरीवाल को 2 जून को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है और उनकी जमानत की शर्त के रूप में उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय जाने से रोक दिया है.
अदालत ने कहा, "अंतरिम जमानत देने की शक्ति का प्रयोग आमतौर पर कई मामलों में किया जाता है. प्रत्येक मामले के तथ्यों के आधार पर अंतरिम जमानत दी जाती है. यह मामला अपवाद नहीं है."
यह आदेश आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव अभियान को बड़ा बढ़ावा देने वाला है, जो कांग्रेस के साथ गठबंधन में पंजाब की सभी सीटों और दिल्ली की चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
Source : News Nation Bureau