दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी लगाए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है. चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को फिलहाल राहत देने से मना कर दिया है. इससे पहले कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर के जवाब दाखिल करने को कहा था. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया है कि केजरीवाल सरकार फैसला मौलिक अधिकार और निजता के अधिकार का हनन करता है.
याचिका में ये भी कहा है कि स्कूलों के क्लासरूम में सीसीटीवी लगाने का फैसला किया गया है. जिससे लाइव फीड पैरेंट्स को मिलेगी, जो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है. कोर्ट ने अपने फैसले में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना है.
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इसके साथ ही याचिक में ये बात भी कही गई है कि अगर सीसीटीवी की लाइव फीड किसी और को मिल गई तो इससे बच्चों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. साथ ही स्कूलों में लगे सीसीटीवी की वजह से लोगों की पहुंच क्लास रूम तक होगी. इससे बच्चे के साथ ही खास तौर पर बच्चियां और महिला टीचरों की सुरक्षा भी खतरे में आ सकती हैं.
याचिकाकर्ता ने ये ही कहा कि डाटा प्रोटेक्शन भी एक मुद्दा है क्योंकि अगर डाटा सुरक्षित नहीं होगा तो उसे हैक भी किया जा सकता है, जिस वजह से बच्चे और टीचरों की सुरक्षा खतरे में आ सकती है. इन सब बातों का ध्यान रखते हुए दिल्ली सरकार के 11 सितंबर 2017 में लिए स्कूलों में सीसीटीवी फुटेज लगाने के फैसले को खारिज किया जाए.
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कोर्ट के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा , 'कुछ लोग शुरू से ही इस योजना में बाधा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कोर्ट ने स्कूलों में सीसीटीवी लगाने की योजना पर रोक से मना कर दिया है. अब सभी स्कूलों को इस दायरे में लाया जाएगा.'
इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के लिए शिक्षा सबसे बड़ी प्राथमकिताओं में से एक है. बच्चों की सुरक्षा और सिस्टम में पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए ही सरकार ने स्कूलों में सीसीटीवी लगाने का फैसला किया था.'
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बता दें स्कूलों में बच्चों के खिलाफ बढ़ते हिंसा को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने क्लासरूम में सीसीटीवी लगाने का फैसला किया है. राज्य सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है.