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पटाखों की पाबंदी के खिलाफ तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भाजपा नेता मनोज तिवारी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली में पटाखों पर लगाई गई पूर्ण पाबंदी पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जश्न मनाने के और भी तरीके हैं. लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने दें. पीठ ने कहा अपना पैसा मिठाई पर खर्च करें. तिवारी के अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने दलील दी कि पराली जलाने से भी प्रदूषण बढ़ रहा है. लेकिन पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई बाद में करेगी.

Updated on: 20 Oct 2022, 05:25 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भाजपा नेता मनोज तिवारी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली में पटाखों पर लगाई गई पूर्ण पाबंदी पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जश्न मनाने के और भी तरीके हैं. लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने दें. पीठ ने कहा अपना पैसा मिठाई पर खर्च करें. तिवारी के अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने दलील दी कि पराली जलाने से भी प्रदूषण बढ़ रहा है. लेकिन पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई बाद में करेगी.

तिवारी ने कहा कि जनता के हितों की रक्षा के लिए याचिका दायर की गई थी, जिन्हें दिवाली मनाने से रोका जा रहा है, जो हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने राजधानी में एक जनवरी 2023 तक तत्काल प्रभाव से सभी तरह के पटाखों के भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. सरकार का फैसला न केवल अभिव्यक्ति और रोजगार की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19), लोगों के जीवन के अधिकार (अनुच्छेद 21) का उल्लंघन करता है, बल्कि अंतरात्मा की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25). को भी सीमित करता है.

याचिका में पटाखों को बेचने, खरीदने या फोड़ने के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.