दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को कथित शराब नीति मामले में पहली बार CBI द्वारा गिरफ्तार किए जाने के 18 महीने बाद शुक्रवार सुबह सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले में जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन ने कहा कि, आम आदमी पार्टी के नेता "शीघ्र सुनवाई" के हकदार हैं और उन्हें ट्रायल कोर्ट में वापस भेजना "न्याय का मजाक" होगा.
जस्टिस गवई ने कहा कि, "18 महीने की कैद... सुनवाई अभी शुरू भी नहीं हुई है और अपीलकर्ता को त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित कर दिया गया है. ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट को इस पर उचित महत्व देना चाहिए था..."
गौरतलब है कि, अबतक मिली जानकारी के मुताबिक- ED ने मनीष सिसौदिया के खिलाफ आठ आरोप पत्र दाखिल किए हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि- बिना ट्रायल सजा नहीं दी जा सकती.
वहीं AAP नेता संजय सिंह ने कहा कि, केजरीवाल को भी जल्द ही बेल मिलेगी. उन्होंने सवाल किया कि, मनीष के जीवन के 17 महीने कौन लौटाएगा?
मालूम हो कि, जमानत के बाद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को हर सोमवार को थाने में हाजरी देनी होगी. बता दें कि, उन्हें 26 फरवीर 2023 को गिरफ्तार किया गया था, जबकि 9 अगस्त 2024 को जमानत मिल गई है. यानी इस बीच मनीष तकरीबन 17 महीने जेल में रहे.