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प्रतीकात्मक तस्वीर
सीलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मनोज तिवारी के बारे में कहा, इसमें कोई संदेह नहीं कि मनोज तिवारी ने कानून अपने हाथ में लिया. उनके व्यवहार से हमें दुख पहुंचा है. एक चुने हुए जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार नागरिक होने के बाद भी उन्होंने कानून को अपने हाथ में लिया. कोर्ट ने कहा, उन्हें जिम्मेदाराना रुख अपनाना चाहिए था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी पर कार्रवाई को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ऊपर छोड़ दिया. कोर्ट ने कहा, बीजेपी को मनोज तिवारी पर कार्रवाई करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा, मनोज तिवारी पर अवमानना की कार्रवाई नहीं बनती.
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Supreme Court left it to BJP to take actions against Manoj Tiwari and said, "There is no doubt that Tiwari has taken law in his hand. We are pained by the machismo&manner of Tiwari. As an elected representative he should have acted responsibly rather taking law in his own hands." https://t.co/KKTqzwiXlA
— ANI (@ANI) November 22, 2018
बता दें कि मनोज तिवारी ने दिल्ली के गोकुलपुरी में एक परिसर की सीलिंग तोड़ दी थी. इस परिसंपत्ति को पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने सील किया था. जज मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में 30 अक्टूबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. तिवारी ने कोर्ट से अधिकार प्राप्त निगरानी समिति पर आरोप लगाया था कि वह सीलिंग के मुद्दे पर दिल्ली के लोगों को आतंकित कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने निगरानी समिति द्वारा दाखिल रिपोर्ट पर संज्ञान लेने के बाद उत्तर पूर्व दिल्ली से लोकसभा सदस्य तिवारी के खिलाफ 19 सितंबर को अवमानना नोटिस जारी किया था. वहीं, तिवारी ने कोर्ट के समक्ष दलील दी थी कि समिति ने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया और यहां Unauthorised कॉलोनियों में सीलिंग अभियान चलाया गया, जो कानून के तहत संरक्षण प्राप्त हैं.
Source : News Nation Bureau