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टाइगर( Photo Credit : फाइल फोटो)
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टाइगर( Photo Credit : फाइल फोटो)
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने देश में बाघों की अनुमानित संख्या (2900) घोषित किये जाने के लगभग चार महीने बाद पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को एनटीसीए की देशव्यापी इकाइयां शुरु कर इसके दायरे में विस्तार करने का सुझाव दिया है. इससे बाघ संरक्षण अभियान को और अधिक दुरुस्त बनाकर बाघों की संख्या में इजाफा किया जा सकेगा और साथ ही बाघों की गणना को सटीक बनाया जा सकेगा. एनटीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि मंत्रालय के अंतर्गत संचालित भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) को भेजे गये प्रतिवेदन में एनटीसीए के मौजूदा स्वरूप में बदलाव कर ‘टाइगर सेल’ की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया गया है.
मंत्रालय के अंतर्गत एक वैधानिक इकाई ने अपने प्रतिवेदन में कहा है कि एनटीसीए की अभी सिर्फ एक टाइगर सेल देहरादून में कार्यरत है और महज एक इकाई के बलबूते बाघ संरक्षण और बाघों की गणना संबंधी आंकड़ों और सूचनाओं का देशव्यापी स्तर पर आदान प्रदान कर पाना व्यवहारिक तौर पर मुश्किल होता है. एनटीसीए का विस्तार सिर्फ एक इकाई तक सीमित होने के कारण बाघों की गणना में अनियमिताओं की संभावना के सवाल पर अधिकारी ने बताया कि इसका बाघों की अनुमानित संख्या से जुड़ी रिपोर्ट से कोई संबंध नहीं है.
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उन्होंने कहा कि जुलाई की रिपोर्ट में शुरुआती आंकडों के आधार पर जारी की गयी बाघों की अनुमानित संख्या थी, वास्तविक संख्या का खुलासा दिसंबर के अंतिम सप्ताह में जारी होने वाली रिपोर्ट में होगा. शुरुआती रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं से इंकार करते हुये उन्होंने कहा कि यह अंतिम रिपोर्ट नहीं थी. टाइगर सेल में विस्तार के सुझाव का बाघों की सटीक गणना से कोई संबंध नहीं है.
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डब्ल्यूआईआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक और बाघों की गणना संबंधी शुरुआती रिपोर्ट के लेखक-मंडल के सदस्य वाई वी झाला ने बताया कि बाघ संरक्षण से जुड़ी अध्ययन रिपोर्टों में टाइगर सेल की संख्या बढ़ाने की बात सुझायी गयी है. इस बारे में अंतिम फैसला मंत्रालय को लेना है. उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूआईआई और एनटीसीआई द्वारा जुलाई में जारी अंतरिम रिपोर्ट में देश में बाघों की संख्या में 33 प्रतिशत इजाफे का अनुमान व्यक्त किया गया था. झाला ने भी कहा कि बाघों की गणना की अंतिम रिपोर्ट इस महीने के अंत में जारी होगी.
Source : Bhasha