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दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा ने आत्महत्या की, वजह आपको रुला देगी

परिवार की खराब माली हालत के कारण अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ रही तेलंगाना निवासी छात्रा (19) ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली.

Updated on: 09 Nov 2020, 10:59 PM

हैदराबाद:

परिवार की खराब माली हालत के कारण अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ रही तेलंगाना निवासी छात्रा (19) ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली. इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केन्द्र में सत्तासीन भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार जानबूझकर लगाए गए लॉकडाउन और नोटबंदी से अनगिनत घरों को बर्बाद कर रही है, वहीं महिला की मौत पर राष्ट्रीय राजधानी में छात्र समूहों ने प्रदर्शन किया.

कांग्रेस से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के सदस्यों ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरिया निशंक के घर के बाहर और वामपंथ से संबंधित आइसा ने दिल्ली विश्वविद्यालय कला संकाय के बाहर प्रदर्शन किया. वहीं एलएसआर कॉलेज प्रबंधन ने इस बात से साफ इंकार किया है कि छात्रा ने उनसे छात्रवृत्ति पाने के लिए संपर्क किया था.

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पुलिस ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही ऐश्वर्या का शव दो नवंबर को रंगा रेड्डी जिले के शादनगर इलाके में स्थित उसके घर में फंदे से लटका हुआ मिला. गणित ऑनर्स की दूसरे वर्ष की छात्रा कोविड-19 महामारी के कारण छात्रावास बंद होने के बाद मार्च में दिल्ली से लौटी थी.

पुलिस ने बताया कि छात्रा द्वारा कथित तौर पर लिखे गए सुसाइड नोट में कहा गया है कि वह अपने माता-पिता पर अपनी पढ़ाई के खर्च का बोझ नहीं डालना चाहती. उसके पिता जी. श्रीनिवास रेड्डी के अनुसार, पैसे की कमी के कारण उनकी बेटी अपनी शिक्षा जारी रखने को लेकर हमेशा चिंतित रहती थी और कई दिन से इस पर सोच-विचार कर रही थी.

रेड्डी ने बताया कि ऐश्वर्या ने इंटर में अच्छे अंक प्राप्त किए थे और उसे एलएसआर कॉलेज में दाखिला मिल गया. उन्होंने ऋण लेकर बेटी का दाखिला कराया. उन्होंने बताया कि ऐश्वर्या की पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्होंने अपनी छोटी बेटी की पढ़ाई भी बंद करा दी. रेड्डी ने सोमवार को मीडिया से कहा, ‘‘मैं मैकेनिक हूं, लेकिन मेरा काम अच्छा नहीं चल रहा है. वह अगले साल कॉलेज की फीस को लेकर चिंतित थी.’’

उन्होंने कहा कि बेटी को ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के लिए लैपटॉप और मोबाइल फोन की जरुरत थी और इसके लिए उन्होंने अभिनेता सोनू सूद को भी लिखा था. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया... कॉलेज प्रशासन ने भी कहा कि छात्रावास की सुविधा सिर्फ एक साल के लिए दी जाएगी.’’

पुलिस ने बताया कि रेड्डी ने अपनी शिकायत में कहा है कि ऐश्वर्या ने हाल ही में उनसे पढ़ाई के लिए कुछ पैसे मांगे थे, लेकिन उन्होंने कहा था कि तत्काल कुछ इंतजाम नहीं हो सकता है और वह ऋण लेकर उसे पैसे दे देंगे. कथित सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा है कि उसकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है और पैसे की कमी से वह आत्महत्या कर रही है. उसने माफी मांगते हुए कहा है कि वह ‘‘अच्छी बेटी’’ नहीं है.

उसने लिखा है, ‘‘मेरी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है. मेरे परिवार को बहुत खर्च करना पड़ रहा है. मैं बोझ हूं... मेरी पढ़ाई बोझ है... मैं पढ़ाई के बिना नहीं रह सकती हूं.’’ पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 (अप्राकृतिक मौत) के तहत मामला दर्ज कर लिया है. छात्रा की मौत पर शोक जताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह जाबूझकर लॉकडाउन और नोटबंदी करके अनगिनत घरों को बर्बाद कर रही है.

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उन्होंने ट्वीट किया है, ‘‘इस अत्यंत दुखद घड़ी में इस छात्रा के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ. जानबूझकर की गयी नोटबंदी और देशबंदी से भाजपा सरकार ने अनगिनत घर उजाड़ दिए. यही सच्चाई है.’’ वहीं, सोमवार को छात्रों आर महिला समूहों ने दिल्ली में प्रदर्शन कर छात्रा के लिए न्याय की मांग की.

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुग ने कहा कि ‘‘छात्रवृत्ति छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों आदि के लिए पुरस्कार होता है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार से एक साल से ज्यादा वक्त तक छात्रवृत्ति नहीं मिलने के बाद ऐश्वर्या ने आत्महत्या की है और उसने प्रशासन को अपनी समस्याओं के बारे में भी लिखा था.

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दुर्भाग्यवश प्रशासन से उसे कोई कोई जवाब नहीं मिला. यह सिर्फ ताजा उदाहरण है कि छात्रों के लिए छात्रवृत्ति कितनी महत्वपूर्ण है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब सरकार छात्रों को मिलने वाले धन में देरी करती है तो यह उन्हें और उनके परिवार पर काफी दबाव बढ़ा देता है.’’

एलएसआर की प्रचार्या सुमन शर्मा ने हालांकि इस बात को खारिज किया है कि छात्रा ने कॉलेज प्रशासन से कुछ कहा था. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां ऐसे छात्रों की मदद करने के लिए काउंसलर है जो भावनात्मक और मानसिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. लेकिन किसी को नहीं पता था कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है.’’ शर्मा ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है. काश उसने अपने शिक्षकों, काउंसलर या कॉलेज प्रशासन से पहले बात की होती.’’