/newsnation/media/media_files/2025/04/18/QftiAaCY8fCZF5goH0Vp.jpg)
delhi state cancer hospital (social media)
Delhi State Cancer Institute: देश की राजधानी में मौजूद दिल्ली राज्य कैंसर इंस्टीट्यूट के हालात बद से बदतर हैं. न्यूज नेशन की टीम ने यहां की व्यवस्थाओं का ब्योरा लिया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. यहां पर कई मरीजों को स्ट्रेचर तक नसीब नहीं है. मरीजों का जमीन पर इलाज चल रहा है. यहां पर व्यवस्था चरमराई हुई है. सरकार तो बदल गई है, मगर यहां की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है. यहां पर फैकल्टी की कमी है. यह इंस्टीट्यूट दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है. ऐसे में न्यूज नेशन की टीम स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह इस अव्यवस्था को लेकर सवाल किए. उन्होंने कहा कि पहले की सरकार ने दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया.
जल्द आपको सुधार दिखाई ​देगा
मंत्री ने कहा, मैं विश्वास दिलाता हूं कि दिल्ली की स्वास्थ्य को दुरुस्त किया जाएगा. आपके चैनल से माध्यम से मैं कैसर अस्पताल के बारे में संज्ञान लेता हूं. जल्द ही आपको हालात में सुधार दिखेगा. अस्पताल में दवाई की कमियों को लेकर उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले में बदलाव आपको को देखने को मिलेगा. हमें सरकार में आए एक माह हुआ है. हमने व्यवस्थाओं का आकलन किया है. यहां पर दवाओं की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया है. जल्द आपको सुधार दिखाई ​देगा.
अस्पताल की हालात को लेकर न्यूज़ नेशन की टीम ने की दिल्ली के स्वास्थ मंत्री से की बातचीत #DelhiStateCancerInstitute#Delhi#OperationCancer#NewsUpdatepic.twitter.com/yHXaPIUDCf
— News Nation (@NewsNationTV) April 18, 2025
हमारे ओपीडी रूम लिमिटेड हैं
कैंसर इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर डॉक्टर वत्सला अग्रवाल का कहना है कि यहां पर मरीजों की संख्या अधिक है. इसके मुकाबले स्ट्रेचर की कमी है. कुछ स्ट्रेचर खराब हैं, इन्हें जल्द ठीक किया जाएगा. ओपीडी के बाहर लंबी लाइने हैं. इसके जवाब में उन्होंने कहा ​कि हमारे ओपीडी रूम लिमिटेड हैं. यहां पर डॉक्टर काफी कमी है. ऐसे में जब नंबर आएगा तभी डॉक्टर मरीजों को देख सकेंगे.
उन्होंने कहा कि खाली पदों पर भर्तियां हो रही हैं, इसमें थोड़ा समय लगेगा. दवाओं को लेकर उन्होंने कहा कि सीपीए जो हमारा मेन सोर्स आफ मेडिसन था उससे पहले दवाइयां आती थीं. अब उससे कम दवाएं आ रही हैं. सारी दवाओं को खरीदने का दारोमदार रेट कॉट्रेक्ट के माध्यम से हो रहा है. उनका कहना है ​कि दो साल पहले जब मैंने इसे टेकओवर किया था, तब से यहां पर हालात में सुधार हुआ है. पहले यहां पर अपॉइंटमेंट सिस्टम था, इसे उन्होंने खत्म करा दिया. पहले यहां पर सप्ताह में दो स्पेशलिटी थी, अब यहां पर 8 से 9 चलती हैं.
60 फीसदी पद खाली पड़े हैं
कैंसर इंस्टीट्यूट में लोगों को टेस्ट के लिए बाहर जाना पड़ता है. अस्पताल में स्वीकृत फैकल्टी और नॉन फैकल्टी के कुल पद 814 हैं. इसमें 303 पदों पर नियुक्ति है. 511 पोस्ट खाली है. फैक्ल्टी के 283 पद स्वीकृत हैं. 191 पद खाली है. करीब 60 फीसदी पद खाली पड़े हैं. पैरामेडिल मेडिकल टेक्निकल स्टाफ के 161 में से 94 पद खाली पड़े हैं. वहीं नर्सिंग स्टाफ के 198 में से 106 पद खाली पड़े हैं. गौर करने वाली बात यह है ​कि दिल्ली कैंसर इंस्टीट्यूट की डायरेक्ट डॉ वत्सला अग्रवाल नॉन ऑन्कोलॉजिस्ट हैं. वे कैंसर विशेषज्ञ नहीं हैं. फिर भी उन्हें दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल और अन्य कई संस्था की जिम्मेदारी दी गई है.