दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में आज दिल्ली सरकार की कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें राजधानी कई अहम फैसलों को मंज़ूरी दी गई. मुख्यमंत्री ने बताया कि आज की कैबिनेट बैठक में एक प्रमुख निर्णय के तहत दिल्ली सरकार ने आवासीय सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए ₹30,000 (₹10,000 प्रति किलोवाट) की अतिरिक्त सब्सिडी को मंजूरी दी है. इसके साथ ही अब कुल सब्सिडी राशि ₹1.08 लाख हो गई है - जो किसी भी ऐसी योजना के तहत देश में अब तक की सबसे अधिक सब्सिडी है. पहले 3 किलोवाट तक के सोलर पैनल पर ₹78,000 की केंद्र सरकार से सब्सिडी मिलती थी.
अतिरिक्त सब्सिडी को मंजूरी दी
आज दिल्ली कैबिनेट ने ₹30,000 (₹10,000/kW) की अतिरिक्त सब्सिडी को मंजूरी दी है. विशेष रूप से, 1 किलोवाट की सौर प्रणाली पर दिल्ली सरकार की ओर से ₹10,000 की सीधी सब्सिडी दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ने ‘पीएम सूर्य घर : फ्री इलेक्ट्रिसिटी योजना – स्टेट टॉप-अप’ नामक योजना के लिए ₹50 करोड़ का बजट आवंटित किया है और अगले तीन वर्षों में 2.3 लाख आवासीय इकाइयों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य रखा है.
बिना कोई अग्रिम भुगतान किए सोलर पैनल स्थापित
सौर ऊर्जा को और अधिक किफायती एवं सुलभ बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि दिल्ली सरकार वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी कर रही है ताकि शेष ₹90,000 की लागत के लिए आसान ऋण विकल्प उपलब्ध कराए जा सकें. इससे लोग बिना कोई अग्रिम भुगतान किए सोलर पैनल स्थापित कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि यह नई व्यवस्था उपभोक्ताओं को शून्य प्रारंभिक लागत पर सौर ऊर्जा तक पहुंच प्रदान करेगी और हर महीने औसतन ₹4,200 तक की बिजली बिल में बचत होगी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस पहल को एक हरित और स्वच्छ दिल्ली की दिशा में परिवर्तनकारी कदम बताया.
स्वच्छता और धूल नियंत्रण योजना को मंजूरी
वायु प्रदूषण की चुनौती को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने पीडब्लूडी के लिए एक व्यापक स्वच्छता और धूल नियंत्रण योजना को मंजूरी दी है. इसके तहत सड़कों पर धूल और प्रदूषण कम करने के लिए अत्याधुनिक मशीनों की खरीद और तैनाती की जाएगी. मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर 250 वॉटर स्प्रिंकलर मशीन (जो एंटी स्मॉग गन से लैस होंगी), 70 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन (जो 210 स्प्रिंकलर और एंटी स्मॉग गन से सुसज्जित होंगी), 18 डंप वाहन और 18 पानी के टैंकर तैनात किए जाएंगे. ये सभी मशीनें सर्दियों के पहले दिल्ली की सड़कों पर कार्यरत हो जाएंगी.
“प्रदूषण नियंत्रण एवं आपातकालीन उपाय”
उन्होंने यह भी बताया कि पर्यावरण विभाग द्वारा “प्रदूषण नियंत्रण एवं आपातकालीन उपाय” योजना के अंतर्गत इन मशीनों के लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा. ये मशीनें विशेष रूप से सड़कों की धूल सफाई के लिए तैनात की जाएंगी और आवश्यकता अनुसार पूरे दिल्ली में इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा ताकि वायु गुणवत्ता में समग्र सुधार हो सके.
शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने आगे बताया, “आज की कैबिनेट बैठक में शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है, जिसके तहत मेधावी छात्रों के लिए "मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना” का नाम बदलकर फिर से “लाल बहादुर शास्त्री छात्रवृत्ति योजना” कर दिया गया है.”
उन्होंने कहा, “वर्ष 2019–20 में इस योजना को बंद कर इसका नाम बदलकर ‘मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना’ रखा गया था. वर्तमान सरकार ने अब इस योजना का मूल नाम ‘लाल बहादुर शास्त्री छात्रवृत्ति योजना’ के रूप में पुनः बहाल कर दिया है, जबकि पात्रता मानदंड यथावत रखे गए हैं.इस योजना के अंतर्गत कक्षा 7 से 12 तक के वे छात्र जो दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और पिछली कक्षा में 80% या उससे अधिक अंक प्राप्त करते हैं, उन्हें प्रति वर्ष ₹2,500 की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है.”