उच्चतम न्यायालय के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन की वजह से सड़क बंद होने पर चिंता जताने एक दिन बाद कई प्रदर्शनकारियों ने इस दावे का विरोध किया कि उनके धरने से बड़ी संख्या में मुसाफिरों को परेशानी हो रही है. शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े से वार्ताकार के तौर पर काम करने और प्रदर्शनकारियों को वैकल्पिक स्थल पर चले जाने के लिए समझाने के लिए कहा था, ताकि कोई भी सार्वजनिक स्थान अवरूद्ध नहीं हो. अदालत ने कहा था कि हेगड़े प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए वकील साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह की सहायता ले सकते हैं.
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वार्ताकारों ने मंगलवार को शाहीन बाग में अवरोध पर अपनी पहली चर्चा की. उन्होंने कहा कि वे शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से मिलने से पहले न्यायालय के आदेश की प्रति की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उधर कई प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण पूर्वी दिल्ली स्थित शाहीन बाग-कालिंदी कुंज मार्ग का इस्तेमाल सिर्फ कुछ यात्री ही करते हैं, उनमें भी ज्यादातर लोग जामिया नगर और ओखला के होते हैं. वे प्रदर्शन के लिए इस स्थल का इस्तेमाल करने के लिए सहमत हैं. शाहीन बाग प्रदर्शन में नियमित तौर पर हिस्सा लेने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक हफीज सईद ने कहा, ‘‘दिसंबर में जब शाहीन बाग में प्रदर्शन शुरू हुआ, तो निवासियों ने सबसे पहले इसके लिए जगह पर चर्चा की.
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जब महिलाओं के बैठने और विरोध करने के लिए शेड लगाया गया, तो पूरे इलाके के दुकानदार उस जगह को देने के लिए तैयार हो गए.’’ उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी भी कई बार प्रदर्शन स्थल आए और कोई आपत्ति नहीं जताई और कहा कि ‘यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन है.’ सईद ने दावा किया, ‘‘जब केंद्र सरकार ने आरोप लगाया कि इन प्रदर्शनों को कांग्रेस और ‘आप’ प्रायोजित कर रहे हैं तो पुलिस ने इसे अवरोध के तौर पर देखना शुरू किया.’’ प्रदर्शनकारी शाहीदा शेख ने कहा, ‘‘हम 30 साल से शाहीन बाग में रह रहे हैं. कालिंदी कुंज की सड़क का इस्तेमाल मुख्यत: शाहीन बाग, जामिया नगर, अबू फजल एन्क्लेव और ओखला के लोग करते हैं.’’ उन्होंने कहा कि नोएडा जाने वाले यात्री साथ लगे दूसरे हाईवे का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि जब साथ में लगी दूसरा हाईवे है और साथ ही इस सड़क को छोड़कर शाहीन बाग की सभी लेन खुली हैं, तो फिर आवेदनकर्ता इसी लेन सड़क से क्यों जाना चाहते हैं?