Delhi-NCR में प्रदूषण का कहर अब भी जारी, 15 नवंबर तक फिर बंद रहेंगे स्कूल
पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली एनसीआर के लिए सिफारिशें जारी की हैं. कोयले और अन्य ऐसे ईंधन, गर्म मिक्स प्लांट आदि का उपयोग करने वाले उद्योगों को 15 तारीख तक बंद रखा जाना चाहिए
नई दिल्ली:
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का कहर जारी है. लोगों का सांस लेने में काफी दिक्कतें होने लगी हैं. राजधानी की हवा में जहर घुलने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पर रहा है. इसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चिंता जताई है. पर्यावरण प्रदूषण (निवारण और नियंत्रण) प्राधिकरण ने इसको लेकर नोटिस जारी किया है. दिल्ली एनसीआर के सभी स्कूल 15 नवंबर तक बंद रहेंगे. बढ़ते प्रदूषण के चलते यह फैसला लिया गया है. नोएडा के स्कूल भी 14 और 15 नवंबर को बंद रहेंगे. DM ने जारी किया आदेश.
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Environment Pollution (Prevention and Control) Authority has issued recommendations for Delhi NCR, Schools should remain closed for next 2 days and industries using coal and other such fuels, hot mix plants etc should remain closed till 15th. #AirQuality pic.twitter.com/vs7RBwhEYO
— ANI (@ANI) November 13, 2019
स्कूल अगले दो दिनों तक बंद रहेंगे. बुधवार और गुरुवार को स्कूल बंद रहेंगे. पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली एनसीआर के लिए सिफारिशें जारी की हैं. स्कूलों को अगले 2 दिनों के लिए बंद रखा जाना चाहिए और कोयले और अन्य ऐसे ईंधन, गर्म मिक्स प्लांट आदि का उपयोग करने वाले उद्योगों को 15 तारीख तक बंद रखा जाना चाहिए. दिल्ली की वायु की गुणवत्ता बेहद खराब है. इसके चलते बच्चों को ज्यादा दिक्कत ना हो इसके लिए स्कूल को बंद कर दिया गया है.
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वहीं इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव प्रशांत गर्गवा ने कहा कि इस साल दिल्ली की जहरीली हवा में पराली की बड़ी भूमिका रही और इसका योगदान 44 प्रतिशत पर पहुंच गया. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली सफर के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण उठने वाले धुएं का योगदान इस साल एक नवंबर को दिल्ली में सर्वोच्च 44 प्रतिशत रहा.
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गर्गवा ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि पराली जलाने से हुए प्रदूषण का भी बहुत योगदान रहा. दिल्ली में धुंध गहराने में इस साल इसका योगदान 44-45 प्रतिशत रहा. हवा भी धीमी है, कुछ भी बाहर नहीं जा रहा. उन्होंने हर साल अक्टूबर के पहले निर्माण अवशेष और मलबा हटाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि मलबा गिराने और जलाए जाने से बहुत समस्या होती है.
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हमें साथ मिलकर काम करना होगा और मलबा हटाना होगा ताकि यह समस्या ना बने. शहर में जमा निर्माण अपशिष्ट और मलबा हटाने के लिए जुलाई, अगस्त या सितंबर में विशेष सफाई अभियान चलाना होगा. सीपीसीबी सदस्य सचिव ने वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को घटाने के लिए सार्वजनिक परिवहन में जल्द और भारी निवेश की जरूरत पर भी जोर दिया.
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