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एक और कोशिश : साधना रामचंद्रन एक बार फिर पहुंचीं शाहीन बाग, प्रदर्शनकारियों से करेंगी बात

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को मनाने और उनसे बातचीत करने के लिए एक और कोशिश की गई है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्‍त वार्ताकार वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता साधना रामचंद्रन शनिवार को एक बार फिर शाहीनबाग पहुंचीं.

Updated on: 22 Feb 2020, 11:55 AM

नई दिल्‍ली:

शाहीन बाग (Shaheen Bagh) के प्रदर्शनकारियों को मनाने और उनसे बातचीत करने के लिए एक और कोशिश की गई है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से नियुक्‍त वार्ताकार वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता साधना रामचंद्रन (Sadhna Ramchandran) शनिवार को एक बार फिर शाहीनबाग पहुंचीं. सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्‍त वार्ताकार तीन बार शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात कर चुके हैं, जो बेनतीजा रही. आज शनिवार को चौथे दिन भी साधना रामचंद्रन शाहीन बाग पहुंचीं. वे प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत कर रही हैं.

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अफवाह में न पड़ें प्रदर्शनकारी: साधना 

साधना रामचंद्रन ने लोगों से अफवाह में न आने की अपील की. उन्‍होंने कहा, हम लोकतंत्र में हैं, भेड़ चाल में ना चलें. उन्‍होंने प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा दिलाए जाने का भरोसा भी दिया. उन्‍होंने यह भी कहा कि सुरक्षा की बात सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे. दूसरी ओर, प्रदर्शनकारियों ने कहा, हमें कोर्ट से सुरक्षा का वादा चाहिए. हमें दिल्‍ली पुलिस पर भरोसा नहीं है.

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तीन दिन की बातचीत बेनतीजा 

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकारों और शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के बीच तीसरे दिन की बातचीत भी बेनतीजा रही थी. शुक्रवार को वार्ताकारों ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को अपना प्रदर्शन कहीं और शिफ्ट करने की बात कही. वार्ताकारों के अनुसार, प्रदर्शनकारी शाहीन बाग का रास्ता छोड़ने को तैयार नहीं हैं. जानें सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्‍त वार्ताकारों और प्रदर्शनकारियों में क्‍या बातें हुईं: 

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साधना रामचंद्रन : एक बात बताइए, दूसरी तरफ की सड़क किसने घेरी है?"
प्रदर्शनकारी : हमने नहीं घेरी.
रामचंद्रन : अच्छा, आप ये कहना चाहती हैं कि सड़क पुलिस ने घेरी है आपने नहीं!
एक प्रदर्शनकारी: जब पुलिस ने सड़क ही आगे से बंद कर रखी है तो हमने इसे फिर अपनी सुरक्षा की वजह से बंद कर दी.
रामचंद्रन : अगर पुलिस के द्वारा बंद रास्ते खुल जाएंगे तो क्या रास्ते की दिक्कतें खत्म हो जाएगी?
प्रदर्शनकारी : पुलिस द्वारा बंद रास्ते खुलते हैं तो रास्ते का समाधान निकल जाएगा.