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राम हमें द्वेष करना नहीं, द्वेष खत्म करना सिखाते है- डॉ कृष्ण गोपाल 

राम मंदिर के इतिहास और प्राण प्रतिष्ठा के अनुभवों को बताते हुए वह भावुक भी हो गई. उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानती है कि उन्हें राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गीत गाने का अवसर मिला और उन्हीं कुछ गीतों की पंक्तियाँ कार्यक्रम क

Updated on: 14 Apr 2024, 07:36 PM

नई दिल्ली:

प्रेरणा शोध संस्थान न्यास, द्वारा भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मंदिर में प्रेरणा विमर्श अथिति वक्ता  मिलन समारोह का आयोजन किया गया. मिलन समारोह में प्रेरणा विमर्श के सभी अथितियों ने संवाद के माध्यम से अपने-अपने अनुभवों को साझा किया. इस कार्यक्रम में मुख्य अथिति सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा की आगे एक लंबी यात्रा है और उसकी तैयारी हमें करनी होगी. हमारा देश विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता और संस्कृति वाला देश है. वहीं उन्होंने बताया कि कैसे बाहरी लोगों ने भारत को अपने विचारों के जरिए भ्रमित किया और आज भारत में एक ऐसा समुदाय बन गया है जो अब उनकी ही भाषा बोलने लगा है. जो लोग दुख के साथ यहां आए थे उन्हें हिंदुओं ने ही इस देश में बसाया है. हिंदुत्व की अंतरात्मा ही अध्यात्म है.

वहीं , पूर्व वीसी चौधरी चरण सिंह विश्व विद्यालय प्रोफेसर नरेंद्र तनेजा ने कहा कि जहां लोग खुद को हिंदू कहने से डरते थे वहीं आज वो खुद को गौरवान्वित हिंदू बताते हैं. हिंदुत्व का उदार रूप, सर्वव्यापक रूप पूरे विश्व में स्थापित हुआ है. हमारे यहां हिंदुइज्म का स्थान नहीं है हिंदुत्व का स्थान है. साथ ही उन्होंने कहा हिंदुत्व समाज और मानव विकास का सबसे बड़ा तत्व है.

स्मारिका विमोचन का आयोजन
 प्रेरणा शोध संस्थान न्यास की अध्यक्ष प्रीति दादू ने मंच आसीन एवं कार्यक्रम में आए सभी अथितियों का धन्यवाद ज्ञापन किया तथा कहा जो भी सुझाव आज इस संवाद के माध्यम से हमें प्राप्त हुए है उन सब पर प्रेरणा की ओर से ध्यान देकर कार्य किया जाएगा. सायं में गोष्ठी एवं प्रेरणा विमर्श 2023 की स्मारिका विमोचन का आयोजन किया गया.

राम भक्तों के दर्द और संघर्ष को मालिनी अवस्थी ने किया याद

वहीं कार्यक्रम में उपस्थित प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अपने अनुभवों को प्रस्तुत करते हुए उन्होंने अपने बचपन में राम मंदिर  के निर्माण के संघर्षों को आँखों देखा और कानों सुने, उस वक्त के राम भक्तों का संघर्ष और दर्द, अपने मार्मिक शब्दों के द्वारा अभिव्यक्त करा.  बताया कि 22 जनवरी 2024 राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा लोगों के लिए एक नया जन्म था, वह दिन सबसे सुंदर, सौम्य और पूरे विश्व के लिये सौभाग्यशाली दिन था. उन्होंने कहा कि जो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में उपस्थित था उसमें प्रभु श्री राम की छवि परिलिक्षित हो रही थी .राम मंदिर के इतिहास और प्राण प्रतिष्ठा के अनुभवों को बताते हुए वह भावुक भी हो गई. उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानती है कि उन्हें राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गीत गाने का अवसर मिला और उन्हीं कुछ गीतों की पंक्तियाँ कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपनी गायकी से सभा को मनमोहित किया.