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जम्मू-कश्मीर पर ऐतिहासिक फैसले के बाद कड़ी हुई सुरक्षा जांच, दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर रेड अलर्ट

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी की जा रही है. दरअसल बताया जा रहा है कि उत्‍तर प्रदेश, ओडिशा, असम और देश के अन्‍य हिस्‍सों से करीब 8000 अर्धसैनिक बलों प्लेन में जम्मू-कश्मीर भेजा जा रहा है

Updated on: 05 Aug 2019, 02:25 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A हटाए जाने के बाद देशभर में बवाल की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है. वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली मेट्रो में भी रेड अलर्ट घोषित कर दिया है. ऐसे में मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा जांच भी और कड़ी होगी. इसके अलावा दिल्ली में आबादी वाली जगहों जैसे मॉल और बाजार जैसे इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी की जा रही है. दरअसल बताया जा रहा है कि उत्‍तर प्रदेश, ओडिशा, असम और देश के अन्‍य हिस्‍सों से करीब 8000 अर्धसैनिक बलों प्लेन में जम्मू-कश्मीर भेजा जा रहा है. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A हटाए जाने के बाद सुरक्षा के लिहाज से इसे बड़ा कदम माना जा रहा है. खबरों की मानें तो भारीय सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है. घाटी में जवानों की तैनाती लगातार जारी है.

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बता दें, सोमवार को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर में लागू धारा 370 और 35A को खत्म करने का प्रस्ताव  पेश किया था जिसके बाद राज्यसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे मंजूरी दे दी. इसका सीधा मतलब ये है कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35A को हटा दिया जाएगा. इसके साथ ही राज्यसभा में ये भी ऐलान किया गया है कि लद्दाख को जम्मू और कश्मीर से अलग किया जाएगा. मोदी सरकार के नए फैसलों के मुताबिक जम्मू और कश्मीर को अब केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा, जहां विधानसभा भी होगी. इसके अलावा लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, हालांकि यहां विधानसभा नहीं होगी.

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बता दें कि लद्दाख के अंतर्गत लेह और कारगिल भी आते हैं. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद 59,196 वर्ग किलोमीटर में फैला लद्दाख अब जम्मू कश्मीर से मुक्त हो जाएगा. साल 2011 में जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक वहां उस समय 2,74,289 लोगों की आबादी थी. केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख अब पूरी तरह से केंद्र सरकार के नियंत्रण में आ जाएगा.