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राहुल बोले- राजनीति में जितना सीखा...शरद यादव से सीखा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज देश के वरिष्ठ नेता शरद यादव से मिलने उनके निवास स्थान पहुंचे. तकरीबन आधे घंटे तक राहुल गांधी और शरद यादव के बीच मुलाकात चली

Updated on: 09 Apr 2022, 12:02 AM

New Delhi:

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज देश के वरिष्ठ नेता शरद यादव से मिलने उनके निवास स्थान पहुंचे. तकरीबन आधे घंटे तक राहुल गांधी और शरद यादव के बीच मुलाकात चली. राहुल गांधी जब मुलाकात कर बाहर निकले तो उनकी साथ शरद यादव भी बाहर निकले. राहुल गांधी ने शरद यादव का हाथ अपने हाथ में थाम रखा था. लंबे अरसे से शरद यादव बीमार चल रहे है. राहुल गांधी शरद यादव के स्वास्थ्य की जानकारी लेने पहुंचे थे. मुलाकात के बाद राहुल गांधी शरद यादव के साथ बाहर आए. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शरद यादव उनके राजनीतिक गुरु है. उन्होंने देश और राजनीति के बारे में शरद यादव से काफी कुछ सीखा है. राहुल ने एक घटना का जिक्र भी किया जिसमें उन्होंने कहा कि किस तरह से आंध्र प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान वह शरद यादव के साथ एक ही गाड़ी में 3 घंटे तक थे. राहुल ने कहा कि उन 3 घंटों में हिंदुस्तान की राजनीति के बारे में उन्होंने जितना कुछ शरद यादव से सीखा, वो उन पर एक कर्ज है.

शरद यादव से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कई विषयों पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया. राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी एकता जरूरी है. इसके लिए जो भी नरेंद्र मोदी और आरएसएस के खिलाफ है. उन सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर आना चाहिए. राहुल गांधी ने पहली बार यूक्रेन के मुद्दे पर चीन की रणनीति का हवाला देते पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया. राहुल ने कहा कि जो काम रूस यूक्रेन में कर रहा है। वहीं काम चीन भारत में करना चाहता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से रूस लोहान्स, डोनेस्क यूक्रेन का हिस्सा नहीं मानता, उसी तरह से चीन कह रहा है की लद्दाख, अरुणाचल आपका हिस्सा नहीं है.  राहुल ने आगे कहा कि विपक्षी एकता के फ्रेमवर्क पर बातचीत चल रही है. इसको आगे भी डेवलप करने की जरूरत है. हालांकि कि राहुल गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के बीच उम्मीदवार के नाम की चर्चा पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया.

बढ़ती महंगाई और आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार की घेरते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब तक देश में अमन चैन और शांति का वातावरण नहीं होगा. तब तक आर्थिक तरक्की नहीं हो सकती है.  बीजेपी के लोग सोचते हैं कि नफरत फैलाकर लोगों को डरा कर लोगों को मारकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आज के हिंदुस्तान के आर्थिक हालात है, जो रोजगार के हालात है, उसकी आप कल्पना नही कर सकते. क्योंकि इस देश का जो रोजगार का जो स्ट्रक्चर है, जो रीढ़ की हड्डी है. वो आज टूट गए हैं. गांधी ने कहा कि आर्थिक मोर्चे के मद्देनजर बीजेपी, आरएसएस ने जो सच्चाई छुपाई है। आने वाले दिनों में वो बाहर निकलेगी. आज श्रीलंका में सच्चाई बाहर आ गई हैं. हिंदुस्तान में भी सच्चाई बाहर आ जाएगी.