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भारत बना दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, राघव चड्ढा ने आंकड़ों के जरिये यूं कसा तंज

राघव चड्ढा ने कहा,  हां, भारत अब 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन आइए आंकड़ों को समझते हैं.

Updated on: 08 Sep 2022, 07:41 PM

दिल्ली:

भारत शनिवार को ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के जीडीपी (GDP) के आंकड़ों के मुताबिक ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था अपनी पहली तिमाही में भारत से पिछड़ गई. एक दशक पहले भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 11वें स्थान पर था, जबकि यूके 5वें स्थान पर था. इस बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा के सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने अर्थव्यवस्था के आंकड़े को लेकर तंज कसा है. राघव चड्ढा ने कहा,  हां, भारत अब 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन आइए आंकड़ों को समझते हैं. भारत का सकल घरेलू उत्पाद 3.5 ट्रिलियन डॉलर है जिसके ऊपर 140 करोड़ लोगों के लिए भरण-पोषण का प्रबंधन करना है, जबकि ब्रिटेन का सकल घरेलू उत्पाद 3.2 ट्रिलियन डॉलर का है जिसे केवल 6.8 करोड़ लोगों के लिए प्रबंध करना है. भारत का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद ब्रिटेन के 47,000 डॉलर के मुकाबले 2,500 डॉलर से कम है जो कि 20 गुना अधिक है.

यह दूसरी बार है जब भारत ने 2019 में पहली बार अर्थव्यवस्था के मामले में ब्रिटेन को पीछे धकेल दिया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च की तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 बिलियन डॉलर था. इसके विपरीत, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 814 बिलियन डॉलर था. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों के अनुसार, यह गणना अमेरिकी डॉलर पर आधारित है, जिसमें भारत चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अपनी बढ़त को और बढ़ा रहा है.

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ब्रिटेन वर्तमान में अपनी मुद्रास्फीति को चार दशकों में सबसे तेज गति से बढ़ता हुआ देख रहा है और बैंक ऑफ इंग्लैंड के अनुसार, वर्ष 2024 में अच्छी तरह से चलने वाली मंदी के खतरे का भी सामना कर रहा है. इसके विपरीत, भारतीय अर्थव्यवस्था के इस वर्ष 7 प्रतिशत से अधिक बढ़ने का अनुमान है. भारत अब अर्थव्यवस्था के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से पीछे है.  एक दशक पहले दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत का स्थान 11वां था, जबकि ब्रिटेन पांचवें नंबर पर मजबूती से खड़ा था.